दीपक मिश्रा
हरिद्वार, 28 अक्तूबर। मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पिछले तीन दिनों से मनाया जा रहा लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया। उगते सूर्य को अर्घ्य प्रदान छठ व्रतियों ने 36 घंटे के निर्जला उपवास का पारण किया।
लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे एवं अंतिम दिन तड़के ही घाटों पर छठ व्रतियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। अर्घ्य प्रदान करने के लिए व्रती महिलाओं ने घंटों जल में खड़े होकर भगवान सूर्य नारायण के उदय होने का इंतजार किया और जैसे ही सूर्य नारायण प्रकट हुए सभी व्रतियों ने अर्घ्य देकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और जीवन में ऊर्जा की कामना की।
गौरतलब है कि 25 अक्तूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ चार दिवसीय छठ पर्व मंगलवार 28 अक्तूबर को संपन्न हो गया। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने घर लौटकर श्रद्धापूर्वक व्रत का पारण किया। वरिष्ठ समाजसेवी रंजीता झा ने कहा कि 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद यह क्षण भक्ति और संतोष से भरा होता है। परंपरा के अनुसार महिलाएं व्रत का पारण कच्चे दूध का शरबत, ठेकुआ या गुड़ चावल की खीर खाकर करती है। वहीं कुछ महिलाएं पूजा स्थल पर दीप जलाकर छठी मईया का आभार प्रकट करती हैं और फिर परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करती हैं। पारण के दौरान ठेकुआ, कसरी, खीर, फलाहार और तुलसी जल का विशेष महत्व होता है। सबसे पहले व्रती तुलसी के पत्ते से जल ग्रहण करते हैं और फिर छठी मईया को प्रणाम कर प्रसाद खाकर व्रत तोड़ती हैं।
उगते सूर्य को अर्ध्य देने के लिए धर्मनगरी के सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। छठ गीतों की मधुर धुन को सुनकर लोग प्रफुल्लित दिखाई दिए। पूर्वांचल उत्थान संस्था, पूर्वांचल महासभा, पूर्वांचल उत्थान सेवा समिति, पूर्वांचल भोजपुरी महासभा, छठ पूजा समिति हरिपुर कलां, बिहारी महासभा, पूर्वांचल जनजागृति संस्था के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों सासंद त्रिवेन्द्र सिंह रावत, नगर विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, ज्वालापुर विधायक इं रवि बहादुर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।