दीपक मिश्रा
हरिद्वार, 29 अक्तूबर। सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष एवं दर्जाधारी मंत्री ऋषि कंडवाल ने उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ अमरापुर घाट सहित निर्माणाधीन घाटों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही या घटिया सामग्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कंडवाल ने कहा कि घाट निर्माण कार्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में हैं, इसलिए गुणवत्ता और समयबद्धता दोनों का विशेष ध्यान रखा जाए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अमरापुर घाट का भी दौरा किया, जहां हाल ही में निर्माणाधीन हिस्से में दरारें आई थीं। अधिकारियों ने दर्जाधारी को बताया कि दरारें उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा गंगनहर में छोड़े गए अधिक पानी के कारण आईं। जल प्रवाह बढ़ने से निर्माण स्थल पर दबाव पड़ा और कंक्रीट में क्रैक आ गया। इस पर कंडवाल ने कहा कि वर्तमान में गंगनहर का तेज जल प्रवाह निर्माण कार्यों में बाधा बन रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है, ताकि जल प्रवाह को नियंत्रित कर कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि घाटों की मजबूती और ढांचे की नियमित जांच की जाए और जहां भी दरार या रिसाव दिखे, वहां तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। कंडवाल ने चेतावनी दी कि यदि कहीं भी घटिया सामग्री या तकनीकी लापरवाही पाई गई, तो जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान उत्तराखंड सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुनील कुमार, कनिष्ठ अभियंता अजय कुमार, मनोज सिंह नेगी, आनंद कुमार, अरुण शर्मा, राजेश कुमार, मनोज अमोली, ईशान नयान और गौरव पंवार भी मौजूद रहे।