गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं-स्वामी अवंतिकांनद ब्रह्मचारी

दीपक मिश्रा 
हरिद्वार, 4 नवम्बर। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। पूज्य गुरूदेव स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज समाज को धर्म मार्ग पर अग्रसर करने के साथ शिष्यों के जीवन को भी ज्ञान के प्रकाश से आलोकित कर रहे हैं। स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि धर्म शास्त्रों के प्रखर विद्वान गुरूदेव स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की वाणी से प्रसारित आध्यात्मिक संदेशों से करोड़ों लोगों को मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। वर्ष में लाखों लोग गुरूदेव के सानिध्य में श्री दक्षिण काली मंदिर में दर्शन पूजन कर मां की कृपा प्राप्त करने आते हैं। मां दक्षिण काली की कृपा और गुरूदेव स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के आशीर्वाद से सभी के कष्ट दूर हो रहे हैं। स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज जैसे विद्वान संत का शिष्य होना उनके लिए गर्व का विषय है। गुरूदेव के मार्गदर्शन में सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में सहभागी बनना ही उनका और सभी शिष्यों का लक्ष्य है। स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि श्री केदारनाथ मन्दिर ट्रस्ट दिल्ली द्वारा 17 नवम्बर से श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें गुरूदेव स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज भक्तों को श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण कराएंगे। कथा के उपरांत 25 नवम्बर को केदारनाथ मंदिर में गुरूदेव भक्तों को दीक्षा भी प्रदान करेंगें।

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