दीपक मिश्रा
हरिद्वार-12 जनवरी 2025 देश मे युवा उस सूत्र की भूूिमका मे है, जिसके बिना राष्ट्ररूपी माला तैयार किया जाना सम्भव नही है। युवाओं की सोच एवं काम करने का तरीका ही देश की तरक्की से जुडा है। युवाओं पर विशेष ध्यान देने तथा उनका मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी अनुभवी लोगों की है, उनका दायित्व है कि वे इतिहास की स्वर्णिम उपलब्धियों को सच्चाई के साथ रोचक ढंग से युवाओं के सामने प्रस्तुत करे। गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने समर्थ संस्थान, सहारनपुर द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आयोजित युवा प्रेरणा एवं मार्गदर्शन कार्यशाला के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप मे व्यक्त किये। अपने सम्बोधन मे डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि आज अनुभवी लोगों की जिम्मेदारी है कि वे युवाओं से ज्यादा से ज्यादा संवाद एवं चर्चा करे ताकि उन्हे इतिहास की बारिकियों का सही तथ्यों के साथ ज्ञान हो सके, ताकि गुलामी के उन अन्छूये बिन्दुओं पर भी ध्यानाकर्षित हो सके जिसके मूल मे अज्ञानता एवं व्यक्तिगत संधर्ष जुडा रहा। स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती पर उनको यह सच्ची श्रद्वांजलि हो कसती है। स्वामी विवेकानन्द ने अपने सम्पूर्ण जीवन मे सदैव युवाओं के प्रति चिन्ता तथा चिन्तन किया उन्होने विश्व पटल पर देश के स्वाभिमान एवं गौरव को सर्वोपरि महत्व दिया। डॉ0 चौहान ने कहॉ कि स्वामी विवेकानन्द का प्रेरक जीवन और सशक्त संदेश युवाओं से अपने सपनों को संजोने, अपनी ऊर्जा को उजागर करके कल्पित आदर्शो के अनुरूप भविष्य को आकार प्रदान करने को प्रमुखता प्रदान करने को प्रेरित करता है। उन्होने युवा, जिन्हे 15-29 वर्ष के आयु वर्ग के अन्तर्गत परिभाषित किया है जिनकी संख्या भारत की कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत है। उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा युवाओं को समर्पित वर्ष 2025 की थीम युवाओं की शक्ति का जश्न के रूप मे पूरे देश मे मनाने की धोषणा की है। कार्यशाला मे शिक्षा-जगत के अलावा, इतिहासकार, समाजशास्त्री, दार्शनिक एवं साहित्यकार के साथ अधिक संख्या मे युवा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार प्रो0 रमेश द्विवेदी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व ब्लाक प्रमुख राकेश भूषण ने की। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 रणधीर सिंह द्वारा किया गया।