विश्व रेकार्ड के लिये कवि अरुण पाठक सम्मानित

दीपक मिश्रा

*राष्ट्रहित में योगदान ‘आज़ादी के परवानों’ को सच्ची श्रद्धांजलि- डा. निशंक*
हरिद्वार। “हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस तरह से, भारतीय स्वाधीनता के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं, तथा जो राष्ट्रभक्ति का जज्बा उनके दिलों में था, यही जज्बा अगर भारत का प्रत्येक निवासी, ख़ुद के दिलो-दिमाग़ में लेकर चले और और अपने देश के लिए किसी भी क्षेत्र में अपना व्यक्तिगत योगदान करने का संकल्प ले, तो यह हमारे स्वाधीनता सेनानियों को सबसे बड़ी और सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
उक्त विचार भारत के पूर्व शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तथा हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रेस क्लब हरिद्वार के सभागार में देर शाम तक चले, कवि, गीतकार, साहित्यकार व चेतना पथ के संपादक श्री अरुण कुमार पाठक के काव्य संकलन ‘आजादी के परवाने’ को ‘वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में बतौर विश्व रिकॉर्ड शामिल किए पर आयोजित, पुस्तक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में भाग लेते हुए व्यक्त किए। डा. निशंक ने अरुण पाठक की इस अन्तर्राष्ट्रीय उपलब्धि को हरिद्वार और उत्तराखंड का सम्मान बताते हुए साहित्यकारों से आह्वान किया, कि जिस प्रकार श्री अरुण कुमार पाठक ने आजादी के परवाने पुस्तक में पूरे देश के स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा का गुणगान किया है, ठीक उसी प्रकार वह हरिद्वार और उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानियों की बलिदान कथाओं पर आधारित एक पुस्तक का निर्माण करें। इस कार्यक्रम का आयोजन, इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ़ इंडिया हरिद्वार चैप्टर, मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट हरिद्वार तथा हरिद्वार नागरिक मंच द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। कार्यक्रम में श्री अरुण पाठक का सम्मान करते हुए, उन्हें मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा अंगवस्त्र, पदक, सम्मान पत्र, कैप फाउंटेनपेन, बधाई पत्र तथा पुष्पगुच्छ भेंट किया गया।
‌कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेते हुए पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डा. महावीर अग्रवाल ने कहा कि, “हरिद्वार केवल एक धार्मिक नगरी ही नहीं, बल्कि किसी समय स्वतन्त्रता संग्राम एक बड़ा केन्द्र रहा है। यहाँ अनेक क्रांतिकारियों ने जन्म लेकर अपना बलिदान दिया है। आज हरिद्वार साहित्य संगीत और कला की प्रतिभाओं के त्रिवेणी बन चुका है। यहाँ केवल देश ही नहीं, विश्व के कोने-कोने से, अनेकानेक महत्वपूर्ण विभूतियों का आगमन होता रहा है।” उन्होंने कहा कि यहाँ के साहित्यकार आपसे मिलकर एक ऐसे ग्रंथ का निर्माण कर सकते हैं, जिसमें देश दुनिया से उत्तराखंड पधारने वाले ऐसी ही विभूतियों का वर्णन समाहित हो। कवि श्री अरुण कुमार पाठक ने बताया कि, चूँकि इस पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से तैयार किया गया है, अतः सांसद डा. निशंक के माध्यम से इस पुस्तक को प्रधानमंत्री जी को भी सीधे भेंट किये प्रस्तुत किए जाने के प्रयास जारी हैं। कार्यक्रम को हरिद्वार के एकमात्र जीवित स्वतन्त्रता सेनानी डा. भारत भूषण विद्यालंकार तथा वरिष्ठ पत्रकार अनूप कुमार सिंह ने भी सम्बोधित किया। श्रवण सेवा एवं शोध संस्थान की ओर से भी संस्थापक डा. अशोक गिरि ने श्री अरुण पाठक का सम्मान किया।
कार्यक्रम में कुणाल धवन, लक्ष्य भरत, श्रीमती सुमन वाजपेयी तिवारी, अनन्या भटनागर, हेमंत पाठक, गौरव बंसल, आरती अस्वाल, अमिता मल्होत्रा और अपूर्व पालीवाल ने राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों दी। आजादी के परवाने काव्य संकलन से कविताओं का संगीतमय प्रस्तुतिकरण किया गया। कंचन प्रभा गौतम का गीत ‘मेरे गीतों‌ में मेरे भारत की ख़ुशबू बसती है’ तथा वैष्णवी झा की नृत्य नाटिका ‘सैनिक की शहादत’ ने ख़ूब तालियाँ बटोरी। कार्यक्रम में मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के अतिरिक्त सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देने वाले सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही सेंट पीटरबर्ग (रूस) से अंतर्राष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप के तीन स्वर्ण पदक जीत कर लौटीं श्रीमती संगीता राणा, महिला मुक्केबाजी प्रशिक्षक श्रीमती रीना कुमार शर्मा, मुक्केबाज योगेश शर्मा तथा ईमेक से जुड़े बाल निशानेबाज स्पर्श गौतम को भी विशेष रुप से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का भावपूर्ण संचालन डा. नरेश मोहन ने किया, जबकि अनूप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी व हरिद्वार नसगरिक मंच के संरक्षक जगदीश लाल पाहवा, रुड़की भाजपा अध्यक्ष शोभाराम, इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ़ इंडिया हरिद्वार चैप्टर व मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष मधुसूदन आर्य, नीता नय्यर, अस्मिता फाउंडेशन से मानसी मिश्रा, चित्रकार अशोक‌ कुमार, वरिष्ठ पत्रकार डा. राधिका नागरथ, अशोक गिरि, देवेन्द्र मिश्र, प्रेम शंकर शर्मा7 ‘प्रेमी’, विद्या विहार एकेडमी के प्रबन्धक विजयेन्दर पालीवाल, गोविन्द बल्लभ भट्ट आदि प्रमुख रूप से श्री अरुण पाठक को बधाई दी।

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