अपरंपार है भगवान शिव की महिमा-स्वामी कैलाशानंद गिरी

दीपक मिश्रा 

हरिद्वार, 10 अगस्त। निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले महादेव शिव की महिमा अपरम्पार है। सृष्टि की उत्पत्ति स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव ही हैं। त्रिदेवों में संहार के देवता माने गए शिव ही अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं। श्री दक्षिण काली मंदिर में पूरे माह चलने वाले भगवान शिव के निमित्त विशेष अनुष्ठान के दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि देवों के महादेव शिव ही संसार का आदि और अंत हैं। श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव की शरण में आने वाले साधक के जीवन की सभी दुश्वारियां दूर हो जाती हैं। श्रद्धालु भक्तों को शिव महिमा से अवगत कराते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले महादेव शिव की महिमा अपरम्पार है। सभी को समान दृष्टि से देखने वाले शिव में ही समस्त संसार समाहित है। भगवान शिव को बिल्वपत्र, पुष्प, चन्दन का स्नान प्रिय है। दूध, दही, घी, गंगाजल, शहद आदि पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक कर श्रद्धापूर्वक उनका ध्यान और प्रार्थना करें। सच्चे मन से की गयी प्रार्थना भोलेनाथ अवश्य स्वीकार करते हैं और श्रद्धालु भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस दौरान स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, स्वामी लाल बाबा, आचार्य पवन दत्त मिश्रा, आचार्य प्रमोद पांडे, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, चेतन शर्मा, राजू शुक्ला, अनुराग वाजपेयी, राधेश्याम शर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *