पवन पुत्र हनुमान ने जलाई रावण की सोने की लंका

दीपक मिश्रा 

हरिद्वार। बड़ी रामलीला में रविवार को अशोक वाटिका, हनुमान-रावण संवाद और लंका दहन की लीला के माध्यम से दिखाया कि अहंकार व्यक्ति को किस प्रकार पतन और पराजय की ओर ले जाता है। रावण ने हनुमान के पिता पवन को अन्य देवताओं के साथ अपने कारागार में बंद कर रखा था। लेकिन पवन पुत्र हनुमान ने रावण की स्वर्ण सदृश लंका जलाकर उसका अभिमान चूर-चूर कर दिया। श्रीरामलीला कमेटी ने रंगमंच के बाहर पवन पुत्र हनुमान ने लंका के प्रतीकात्मक पुतले को अग्नि के हवाले किया। भगवान श्रीराम ने सुग्रीव के शिविर से हनुमानजी को सीता की खोज करने लंका भेजा। लंका में विभीषण ने हनुमान जी का मार्गदर्शन किया। उन्होंने अशोक वाटिका जाकर राम की मुद्रिका सीता को दी और सीता से चूड़ामणि लिया। हनुमानजी ने लंका में रावण को अपनी शक्ति का एहसास कराते हुए उससे सीता को वापस करने का सुझाव दिया और अनुरोध भी किया। लेकिन रावण को तो भगवान के हाथों अपनी मुक्ति का माध्यम सीता में ही दिखाई दे रहा था। रावण ने रामदूत हनुमान को दंडित करने की योजना बनाई तो हनुमान ने पूरी लंका को ही जला दिया।

बड़ी रामलीला पिछले 102 वर्षों से श्रीरामलीला मंचन कर सनातन संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ा रही है। श्रीराम लीला रजिस्टर हरिद्वार के प्रयास की सराहना करते हुए दैनिक जागरण अखबार के राज्य संपादक मनोज कुमार झा एवं समाचार संपादक देवेंद्र सत्ती ने संस्था के अध्यक्ष वीरेन्द्र चड्ढा एवं कार्यकारिणी सदस्यों, को स्मृति चिन्ह, एवं अंग वस्त्र डालकर उन सबका अभिनंदन किया इसके पश्चात श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने आज के अतिथियों का पटका ओढ़ाकर तथा तुलसी की माला पहनाकर सम्मानित किया।
उन्होंने कमेटी की व्यवस्थित और मर्यादित प्रस्तुति एवं पात्रों की संवाद शैली तथा रंगमंच की सुन्दर सीन सीनरी के लिए आयोजकों को साधुवाद दिया।

रंगमंच को मौलिक एवं मर्यादित स्वरूप प्रदान करने में कमेटी अध्यक्ष वीरेंद्र चड्ढा, ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील भसीन, दादा गुरु भगवत शर्मा मुन्ना, मंत्री रविकांत अग्रवाल, महाराज सेठ, कोषाध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल, मंच संचालक, डा.संदीप कपूर, उपाध्यक्ष विनय सिंघल, कन्हैया खेवडिया, ऋषभ मल्होत्रा, विशाल गोस्वामी, दर्पण चड्ढा, राहुल वशिष्ठ, सुनील वधावन, विकास सेठ, पवन शर्मा, नीरज भसीन, महेश गौड़, गोपाल छिब्बर, अंजना चड्ढा सुरेंद्र अरोड़ा विनोद नयन , मनोज सहगल आदि सभी सदस्यों का योगदान सराहनीय है। श्रीराम के अभिनय मे पवन खैरवाल, लक्ष्मण नीरज चौहान, माता सीता अरचित सेमवाल, हनुमान- अरुण वर्मा, सुग्रीव- आदित्य चावला, रावण- डॉ विजय। मेघनाद- मुकुल गिरी, अंगद- अमित पांडे राघव तथा शिखर जौहरी, आदि ने बहुत सुंदर अभिनय करके पंडाल मे बैठे राम भक्तो का दिल जीता। बहुत सुंदर गायकी व डायलॉग बोलकर भी खचाखच भरे पंडाल में श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर किया।

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