जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी पहुंची श्यामपुर कांगड़ी स्थित श्रीमहंत प्रेम गिरी धाम

दीपक मिश्रा 
हरिद्वार
श्री पंच दश नाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा नगर भ्रमण के तहत आज श्यामपुर कांगड़ी स्थित श्रीमहंत प्रेम गिरी धाम पहुंची। हर हर महादेव के जय घोष के साथ पवित्र छड़ी के पहुंचने पर जूना अखाड़े के वरिष्ठ सभापति श्री महंत प्रेम गिरि महाराज, अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ,हिमालयन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री महंत विरेंद्रानंद गिरी महाराज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री महंत केदारपुरी महाराज, जूना अखाड़ा माई बाडा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत अन्नपूर्णा पुरी ,महामंत्री श्री महंत महेश पुरी, श्री महंत शैलेंद्र गिरी ,श्री महंत महाकाल गिरी के साथ साथ सैकड़ो ग्रामीणों व श्रद्धालुओं ने पवित्र छड़ी का पूर्ण विधि विधान के साथ पूजन किया।
इस अवसर पर श्री महंत प्रेम गिरि महाराज ने बताया कि यह पवित्र छड़ी उत्तराखंड के सभी प्रमुख तीर्थ के अतिरिक्त ऐसे तीर्थ पर भी जाएगी जो कि अभी तक उपेक्षित अवस्था में है । इन तीर्थों के विकास, जीर्णोधार केलिए सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा। उस क्षेत्र की पलायन की समस्या को देखते हुए पवित्र छड़ी पर्यटकों तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा गढ़वाल केदार खंड तथा कुमाऊं मानस खंड में कई ऐसे तीर्थ हैं जिनके प्रचार प्रसार से इस इन क्षेत्रों में विकास की बहुत अधिक संभावनाएं हैं।इनमे मुख्य रूप से आदि बद्री ,भविष्य बद्री सीतामढ़ी, अनुसूया मंडल, गणनाथ महादेव, थल महादेव ,कटारमल का सूर्य मंदिर, नौटी गांव का श्री यंत्र मंदिर प्रमुख है जो प्रचार न होने के कारण उपेक्षित हैं। पवित्र छड़ी के माध्यम से इन पौराणिक तीर्थ को पुनर्स्थापित कर
तीर्थाटन तथा पर्यटन को बढ़ावा देने का उद्देश्य है। उन्होंने कहा इससे जहां उन क्षेत्रों का विकास होगा वहीं पलायन रुकने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे ।
श्री महंत प्रेम गिरी महाराज ने कहा कल 3 अक्टूबर को पवित्र छड़ी हरिद्वार से उत्तराखंड की यात्रा के लिए विधिवत रवाना हो जाएगी।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर चरण श्रुति गिरी, महामंडलेश्वर आत्म वेदनानंद गिरी महामंडलेश्वर गर्व गिरी ,महामंडलेश्वर संजय गिरी पूर्व सचिव श्री ,महंत देवानंद सरस्वती श्री महंत पशुपति गिरी ,श्री महंत पूर्णागिरि ,श्री महंत आदित्य गिरी, महंत भीष्म गिरी, महंत आजाद गिरि महंत विमल गिरि, महंत रतन गिरी सहित सैकड़ो नागा संन्यासी व उपस्थित थे।

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