पंच दसनाम जूना अखाड़ा की बैठक में आगामी हरिद्वार अर्ध कुंभ, नासिक तथा उज्जैन कुंभ के बारे में चर्चा की गई।

दीपक मिश्रा 
हरिद्वारः
(गोपाल रावत)
माया देवी मंदिर में भैरव जयंती के अवसर पर श्री पंच दसनाम जूना अखाड़ा की बैठक, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशानुसार व देखरेख में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जूना अखाड़े के सभापति (अध्यक्ष) श्रीमहंत मोहन भारती महाराज ने तथा संचालन वरिष्ठ अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने किया।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि महाकुंभ मेले के बाद यह श्री पंच दसनाम जूना अखाड़ा की पहली बैठक थी।
बैठक से पूर्व सभी संतों ने भैरव बाबा की पूजा-अर्चना की। बैठक में पहलगाम व दिल्ली आतंकी हमले में मारे गए लोगों को तथा उत्तराखंड में थराली, धराली सहित कई अन्य स्थानों पर आई आपदा में हताहत लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान जो संत ब्रह्मलीन हुए, उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गई।
बैठक में श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने उत्तराखंड की पवित्र एक माह की छड़ी यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर सभी संतों को बधाई दी।
श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशानुसार बैठक में वर्ष 2027 में उज्जैन व नासिक में होने वाले कुंभ मेले तथा हरिद्वार में प्रस्तावित अर्धकुंभ मेले — जिसे कुंभ का रूप दिया जा रहा है — को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि उज्जैन व नासिक कुंभ मेले के चलते हरिद्वार अर्धकुंभ मेले में शामिल हो पाना संभव नहीं होगा, परंतु हरिद्वार अर्धकुंभ मेले को ऐतिहासिक एवं सफल बनाने के लिए जूना अखाड़ा पूर्ण सहयोग देगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विकास में भी जूना अखाड़ा राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देगा। इसके अंतर्गत स्कूल-कॉलेजों का निर्माण, सड़कें, अस्पताल, सामुदायिक केंद्रों की स्थापना आदि में आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
उत्तराखंड में पलायन रोकने हेतु रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे तथा हिंदुओं को एकजुट करने के लिए गांव-गांव जाकर धर्मजागरण अभियान चलाया जाएगा।
खेरा मणि गांव में अखाड़े की भूमि पर चारदीवारी कराई जाएगी। पुराने मकानों को गिराकर नए मकान बनाए जाएंगे। ब्रह्मलीन विद्या भारती महाराज, ब्रह्मलीन रंधीर भारती महाराज सहित सभी गुरु-मूर्तियों की समाधियों का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही दत्त भगवान की चरण पादुका का भव्य मंदिर भी बनाया जाएगा।
बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमहंत केदारपुरी महाराज, उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती महाराज, महामंत्री श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, सचिव श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज, सचिन श्रीमहंत ओम भारती महाराज ,सचिव श्रीमहंत मृत्युंजय पुरी महाराज सहित रमता पंच, शंभू पंच, श्री पंच के श्रीमहंत, महंत, थानापति, कोतवाल आदि बड़ी संख्या में साधु-संत सम्मिलित रहे।

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