अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के रूप मे मनाया

दीपक मिश्रा

 

हरिद्वार-26 जून जीवन की चुनौतियों से डरना तथा भ्रम एवं छल की स्थिति मे बना रहकर वास्तविक आनन्द से दूर रहने वाला व्यक्ति नशे का शिकार हो सकता है। ड्रग्स के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ प्रतिवर्ष 26 जून को अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के रूप मे मनाया जाता है। दुनिया मे दस प्रतिशत युवाओं की मौत का कारण ड्रग्स का सेवन माना जाता है। गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग मे खिलाडियों को ड्रग्स के प्रति जागरूकता बनाने के लिए जनजागरण तथा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। संवाद कार्यक्रम का शुभारम्भ कुलसचिव एवं शिक्षाविद्व प्रो0 सुनील कुमार तथा संकायाध्यक्ष प्रो0 सुरेन्द्र कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। प्रो0 सुनील कुमार ने खिलाडियों के साथ संवाद मे कहॉ कि ड्रग्स की लत एक मनश्चिकित्सीयए सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है जो पूरे विश्व के युवाओं के साथ सभी आयु के लोगों को भी प्रभावित करती है। यह व्यक्ति तथा समाज को कई क्षेत्रों मे नष्ट करता है। ड्रग्स व्यक्ति के मन पर कब्जा करके शरीर को खोखला बनाती है। भावानात्मक रूप से कमजोर बनाकर अपराधिक प्रवृत्ति को बढाती है। संकायाध्यक्ष प्रो0 सुरेन्द्र कुमार ने कहॉ कि जीवित रहने के लिए मस्तिष्क पर ड्रग्स का डरए घबराहट और असुरक्षा की भावना जैसे व्यापक विकार पैदा होते हैं। निकोटीन कोकीन कैफीन नायिका मॉर्फिन कैनबिस मेथ जैसी कुछ दवाएं ग्रे मैटर और तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती हैं जिसके परिणामस्वरूप एक उन्नत सतर्कता और प्रतिक्रिया होती है। ऐसे ड्रग्स की लत के कारण भूख और वजनए कब्जए चिंता का बढ़ना और चिड़चिड़ापनए नींद आना और कामकाज का गंभीर नुकसान होता है। ऐसे अन्य कई पदार्थ हैं जो मस्तिष्क प्रक्रिया को तेज़ नहीं करके उसे धीमा कर देते हैं और नर्वस सिस्टम को सुस्त बनाते हैं। नशा करने वालो के लिए योग एक समाधान के विकल्प के रूप प्रयोग किया जा सकता है। योग की अनेक क्रियाओं के माध्यम से मन तथा शरीर की दुर्बलताओं को सशक्त बनाकर युवाओं तथा खिलाडियों को बेहतर विकल्प के रूप मे योग को अपनाने पर बल देना चाहिए। डॉ0 अजय मलिक ने खिलाडियो को ड्रग्स प्रयोग के बाद की स्थिति तथा प्रभावों से सचेत करते हुये कहॉ कि ड्रग्स से मिलने वाली ऊर्जा क्षणिक लाभ देने वाली होती है। बाद मे यह क्षणिक लाभ ही जीवन मे विकराल स्थिति उत्पन्न करके शरीर की सामान्य प्रकृति को नष्ट करता है। डॉ0 शिवकुमार चौहान ने शरीर-मन के बीच के महत्वपूर्ण सम्बंध मे ड्रग्स को हानिकारक पदार्थ एवं परिवार के सुख चैन को नष्ट करने वाला दैत्य बताया। ड्रग्स अपने साथ घर-परिवार मे शत्रुता तथा पत्नी, बच्चों के सुख, सपनों को अधेरी खाई मे धकेल देती है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 कपिल मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ0 सुनील पंवार, डॉ0 अजेन्द्र कुमार, डॉ0 हरेन्द्र कुमार, डॉ0 अनुज कुमार, डॉ0 धर्मेन्द्र बालियान, डॉ0 राजीव शर्मा, सुनील कुमार, दुष्यन्त सिंह राणा, धर्मेन्द्र बिष्ट, हेमन्त नेगी, कुलभूषण शर्मा, अश्वनी कुमार, सुरेन्द्र सिंह, मुनेश, कुलदीप, राजेन्द्र सिंह, तथा खिलाडी उपस्थिति रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *