चारधाम यात्रा किसकी क्या सिर्फ पैसे वालों की

दीपक मिश्रा

 

: चारधाम यात्रा किसकी क्या सिर्फ पैसे वालों की।

हरिद्वार ट्रेवल एसोशिएशन

के महामंत्री सुमित श्रीकुंज ने कहा कि चारधाम यात्रा आज केवल पैसे वालों की यात्रा बनकर रह गई है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लोगो ने पहले से ही करा रखें हैं जिनकी जांच हो तो उनमें से लगभग 40 प्रतिशत लोग आए ही नही हैं। अनेक लोग केवल रजिस्ट्रेशन करा कर छोड़ देते हैं आते नहीं हैं। जबकि इसके कारण स्लाट फुल हो जाता है और आफलाइन वाले सामान्य वर्ग व गरीब किसान जिन्हें न तो रजिस्ट्रेशन करना आता है न ही देश के कई गांव में पर्याप्त इंटरनेट व्यवस्था है ऐसा वर्ग साल भर अपनी आमदनी से पैसा जोड़कर अपने परिजनों व बुजुर्गों को यात्रा करने का सपना लेकर उत्तराखण्ड आ रहा है जिसे यहां पंजीकरण नहीं मिल रहा। यहाँ दस दस दिनों से रुकने के कारण उनका बजट गड़बड़ा रहा है। कुछ लोग तो परेशान होकर वापिस चले जा रहे हैं। क्या यात्रा करने का अधिकार सिर्फ लाखो रुपये के पैकेज बुक कराकर आने वालों को ही है।या सिर्फ आनलाइन वालों को ही प्राथमिकता है?सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए जिससे आम व गरीब आदमी की भावनाएं भी आहत न हों ।सभी को दर्शन का लाभ मिलना चाहिए। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन क्षमता से केवल 40 प्रतिशत ही होने चाहिए बाकी सभी की व्यवस्था ऑफलाइन होनी चाहिए।
आनलाईन व्यवस्था में पिछले बार भी ऐसा हुआ था कि अनेक लोग पंजीकरण कराने के बावजूद यात्रा पर नहीं आए थे लेकिन उसके बावजूद कोई अनुभव नहीं लिया गया।
विशेषकर पैकेज बुक करने वाले यात्री की जांच जरूर होनी चाहिए जो तारीख से छेड़छाड़ कर आये उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही व पैकेज वाले यात्री का यदि रजिस्ट्रेशन नही हुआ तो उसको भी यात्रा करने का अधिकारनही होना चाहिये लोग रजिस्ट्रेशन नही करा रहे सीधा लाखो का पैकेज लेकर प्री बुकिंग का हवाला देकर बिना रजिस्ट्रेशन के जाने का प्रयास कर रहे हैं ।।

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