राधा स्वामी सत्संग सभा पदाधिकारी पर दर्ज कराई सभी तीन एफ‌आईआर निरस्त की

दीपक मिश्रा

 

झूठ का मुंह हुआ काला, सत्य की हुई जीत, इलाहाबाद हाईकोर्ट में राधा स्वामी सत्संग सभा पदाधिकारी पर दर्ज कराई सभी तीन एफ‌आईआर निरस्त की

-बिल्डर लॉबी और भू माफियाओं के दबाव में प्राणी मात्र की सेवा अति पावन धार्मिक संस्था राधास्वामी सत्संग सभा, दयालबाग, आगरा को बदनाम करने, उसकी भूमि पर नाजायज कब्जा करने और सत्संगियों को आतंकित करने के लिए आगरा जिला प्रशासन का कुकृत्य हुआ धराशाई, काले कारनामों की खुल गई पोल

ज्योति एस, आगरा। प्राणी मात्र के कल्याण और सेवार्थ अति पावन धार्मिक संस्था राधा स्वामी सत्संग सभा, दयालबाग, आगरा को बदनाम करने, उसकी भूमि पर बिल्डर लवी और माफियाओं के दबाव में नाजायज कब्जा करने के आगरा जिला प्रशासन के पिछले वर्ष किए गए कुकृत्यों की पोल वीरवार को उस समय खुल गई, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट में आगरा जिला प्रशासन द्वारा सभा के पदाधिकारी पर पिछले वर्ष दर्ज कराए गए सभी तीन आपराधिक मुकदमों को निरस्त कर दिया। आगरा जिला प्रशासन में राधा स्वामी सत्संग सभा पर दबाव बनाने के लिए सभा के उच्च पदाधिकारियों पर पिछले वर्ष अलग-अलग तीन आपराधिक मुकदमे कायम कराए थे। सत्संगियों को आतंकित करने के लिए बच्चों बूढ़ों और महिलाओं सहित सभी पर अमानवीय लाठीचार्ज भी कराया था।
*सत्य सामने आ गया और झूठ का मुंह काला हो गया।* हमने उसे वक्त भी प्रशासनिक अमल को चेताया था कि निजी स्वार्थ लाभ और भू माफिया के दबाव में सत्य को दबाने के लिए झूठ का इस कदर सारा ना लिया जाए जिसे बाद में मूंह छिपाने का भी मौका ना मिले। पर, सत्ता और शक्ति के मद् में चूर आगरा जिला प्रशासन ने हर वह काम किया जो उसे नहीं करना था। यह सब इसलिए क्योंकि सतसंगी सौ वर्षों से अधिक समय से उसके आचार्यों पवन और पवित्र भूमि पर निस्वार्थ भाव से सेवा करता आ रहा है। जिला प्रशासन बिल्डर लॉबी को लाभ पहुंचाने के लिए बिना उनके कागजात की जांच किया जमीन को अपनी बताने में लग गया था। यह पावन भूमि ब्रितानी सरकार के जमाने से राधास्वामी सतसंग सभा की है। राधास्वामी सतसंग सभा दान नहीं लेती है, वह अपने श्रम से अर्जित व्यवस्था से चलती है। यह सब सिर्फ हमारा कहना नहीं है, पूर्व में यहां का दौरा कर चुके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख आदरणीय मोहन भागवत जी का कहना और मानना है। ऐसी पावन और पवित्र भूमि पर निगाह गड़ाई बिल्डर लॉबी साम-दाम-दंड-भेद विफल रहने पर आगरा जिला प्रशासन के जरिए अपनी कुत्सित भावनाओं की पूर्ति में लग ग‌ई थी, उन्हें लाभ पहुंचाने को पुलिस ने सतसंगी माँ, बहन, बेटियों और बच्चों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया, उनके रक्त से इस पावन भूमि को लाल कर दिया है। हमारे परम प्रिय गुरु महाराज डा. बी लाल साहब के समाधि स्थल को खंडित कर दिया। इससे देश विदेश में रह रहे करोड़ों सतसंगियों का हृदय चित्कार कर उठा था, उनकी तड़प का सहज अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। उनमें व्यवस्था के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश था। पर, हमारे आचार्य कानून विपरीत आचरण को मना करते हैं। यही वजह थी इस संगीत शांत रहा और कानून के जरिए अपने सत्य को आगे लाने में जुड़ गया। देर अवश्य हुई पर, सत्य सामने आ गया। प्रश्न यह उठता है कि प्रशासन ने यह अराजकता क्यों फैलाई? वह भी तब जब उसे अच्छी तरह से मालूम है कि राधास्वामी सतसंग सभा के वर्तमान आचार्य परम श्रद्धेय, परम वंदनीय श्रीमान प्रेम सरन सतसंगी साहब जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए एग्रो इकोलॉजी का अभियान चलाए हुए हैं। सभी सतसंगी जी जान से इस सेवा में लगे हैं, आगरा ही नहीं पूरे भारत में वरन पूरे विश्व में।
सतसंग की सीख है सादा जीवन उच्च विचार और शुद्ध जीवनशैली। हम प्राणी मात्र की सेवा के संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं और बढ़ रहे हैं। इसी संकल्प का हिस्सा है आगरा पोइया घाट पर यमुना तीरे बैकुंठ धाम। जहां सतसंग सभा के वर्तमान आचार्य परम श्रद्धेय परम वंदनीय श्रीमान प्रेम सरन सतसंगी साहब की प्रेरणा और नेतृत्व में सतसंगी भाई बहिनों, बच्चों और बुजुर्गों ने अपने निस्वार्थ श्रम से यमुना के तट को लाखों कूड़ा साफ कर निर्मल कर दिया। वहां पर औषधिगुण युक्त हजारों पौधों की अनुपम वाटिका तैयार कर दी। वह भी अपनी जमीन पर। बिना किसी सरकारी सहायता और दान के। यह सब किया गया जीव जगत के सुरक्षित भविष्य के लिए।
वीरवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राधा स्वामी सत्संग सभा के पदाधिकारियों पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से दर्ज दर्ज कराए गए सभी तीन मुकदमों को निरस्त (quashed) कर सत्संगियों की नेक नियत पर अपनी मोहर लगा दी।
राधा स्वामी सत्संग सभा दयालबाग आगरा के मीडिया प्रभारी डॉक्टर एस के नैयर ने जानकारी दी की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वीरवार को अपने फैसले में आगरा जिला प्रशासन की ओर से दर्ज कराई गई सभी तीनों एफआईआर को निरस्त कर दिया है, बताया कि हाई कोर्ट का यह फैसला व्यवस्था अनुरूप दो से तीन दिन में हाई कोर्ट की ऑफिशल वेबसाइट पर अपलोड हो जाएगा।

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