दीपक मिश्रा
हरिद्वार, 12 जुलाई। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या के विदेश प्रवास के बाद वापस शांतिकुंज पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने वियतनाम, सिंगापुर, जापान में युग चेतना एवं भारतीय संस्कृति का विस्तार किया। मुम्बई में डा.चिन्मय पण्ड्या को विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय संबंध (वीटीआर) शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
डा.चिन्मय पण्ड्या ने बताया कि विदेशों में युवा भारतीय संस्कृति के सूत्रों को अपने व्यवहारिक जीवन में अपना रहे हैं। हिरोशिमा में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में विश्व के अनेक देशों के प्रतिनिधियों ने भारतीय संस्कृति एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के कार्यों को तर्क, तथ्य एवं प्रमाण के साथ जाना। विश्व स्वास्थ्य संगठन में योग विशेषज्ञ डा.चिन्मय पण्ड्या ने वितयनाम के भारतीय दूतावास सहित कई संस्थानों में योग एवं आयुर्वेद को व्यावहारिक जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय संबंध शांति पुरस्कार सहित शताधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त युवा आइकान डा.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के आशीर्वाद एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डा.प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी के मार्गदर्शन से यह संभव हो पाया है। यह सम्मान करोड़ों गायत्री परिवार के सदस्यों का है।
चिन्मय पण्डया की इस उपलब्धि पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डा.प्रणव पण्ड्या, शैलदीदी, शिवप्रसाद मिश्र, व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा, वेदमाता गायत्री ट्रस्ट के ट्रस्टी हरीश भाई ठक्कर ने उन्हें शुभकामनाएं दी।