दीपक मिश्रा
हरिद्वार/ कृष्णा नगर रामलीला समिति द्वारा सातवें दिन राम वनवास के बाद प्रजा बिछोह, सुमंत की वापसी, केवट लीला और दशरथ मरण का मंचन किया गया। राम लक्ष्मण सीता गंगा नदी पार करवाने के लिए केवट से कहते हैं। केवट कहते हैं आपने अपने चरणों से एक पत्थर को महिला बना दिया तो मेरी नाव अगर कुछ ओर बन गई तो मेरी आजीविका कैसे चलेगी। इसके लिए पहले आपके पैर धोने पड़ेंगे। केवट पैर धोकर उन्हें नाव में बैठाकर गंगा नदी पार करवाते हैं। गंगा पार करवाने पर जब राम उन्हें कुछ देते हैं तो केवट मना कर देते हैं और कहते है आप भी तारणहार हैं और मैं भी तारणहार हू ऐसे में आपसे कुछ नहीं ले सकता। वहीं अयोध्या में राजा दशरथ को श्रवण कुमार के माता पिता का दिया हुआ श्राप याद आता है और वह पुत्र वियोग में स्वर्ग सिधार जाते हैं।