दीपक मिश्रा
हरिद्वार/ नई दिल्ली — भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) ने उत्तराखंड से राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री रोहन सहगल को आगामी केरल चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किया है।
इससे पूर्व बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के चुनावों में सह-प्रभारी के रूप में भाजपा को जिताने में अपना योगदान दे चुके श्री सहगल, दक्षिणी राज्य में पार्टी के विस्तार के इस महत्वपूर्ण समय में चुनाव प्रबंधन, रणनीतिक योजना और युवा लामबंदी का एक अनुभवी दृष्टिकोण लेकर आएंगे।
राष्ट्रीय और राज्य नेतृत्व के प्रति आभार
अपनी नियुक्ति पर श्री सहगल ने संगठनात्मक क्षमताओं में निरंतर विश्वास जताने और केरल में पार्टी के मिशन में योगदान देने का अवसर प्रदान करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व का हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया।
“मैं इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री नितिन नबीन जी, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी, राष्ट्रीय महामंत्री एवं युवा मोर्चा प्रभारी श्री सुनील बंसल जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। मैं विशेष रूप से हमारे BJYM राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या जी के निरंतर मार्गदर्शन और मुझे इस महत्वपूर्ण क्षमता में पार्टी की सेवा करने का अवसर देने के लिए उनका आभारी हूँ।”
श्री सहगल ने केरल में पार्टी की हालिया गति को और आगे बढ़ाने के लिए राज्य नेतृत्व के साथ मिलकर काम करने की अपनी उत्सुकता पर भी जोर दिया।
“मैं भाजपा केरल प्रदेश अध्यक्ष श्री राजीव चंद्रशेखर जी के दूरदर्शी नेतृत्व में और BJYM केरल प्रदेश अध्यक्ष श्री गोकुल एवं पूरी प्रदेश टीम के साथ काम करने के लिए तत्पर हूँ। केरल के युवा प्रगतिशील हैं और भाजपा के विकास के दृष्टिकोण के लिए तैयार हैं। हम सब मिलकर हर बूथ पर पार्टी की उपस्थिति को मजबूत करने और ‘विकसित भारत’ के संदेश को हर घर तक पहुँचाने के लिए अथक प्रयास करेंगे।”
रणनीतिक अधिदेश
गुजरात, महाराष्ट्र और बिहार जैसे विविध राजनीतिक क्षेत्रों में युवा अभियानों का सफल प्रबंधन करने के बाद, केरल में श्री सहगल की भूमिका तीन मुख्य स्तंभों पर केंद्रित होगी:
• जमीनी स्तर पर मजबूती: बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को ऊर्जावान बनाने के लिए स्थानीय BJYM इकाइयों के साथ मिलकर काम करना।
• युवा संपर्क: केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ और प्रधानमंत्री के विजन को केरल के युवाओं तक पहुँचाना।
• चुनाव रणनीति: ऐतिहासिक प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए डेटा-संचालित प्रचार और मजबूत संगठनात्मक ढांचे को लागू करना।