दीपक मिश्रा
हरिद्वार-02.02.24
सफलता व्यक्ति के जीवन मे उत्साह, उमंग एवं स्वाभिमान की परिचायक है। सफलता से जुडा व्यक्ति सामाजिक प्रतिष्ठा तथा आत्म-सम्मान का अधिकारी बनता है। खिलाडी जीवन मे सफलता के चार सूत्रों का होना जरूरी है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने शारीरिक शिक्षा के प्रशिक्षुओं के परिसंवाद मे यह बात कही। डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि सफल होना एक व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यवहार की मूल प्रवृत्ति है, परन्तु जीवन के कुछ मानकों से जुडने पर सफलता प्राप्त करना सहज हो जाता है। खिलाडी के जीवन मे खेल उसकी सफलता का अभिन्न अंग है। सफलता के चार मूलमंत्र अनुशासन, कार्यकुशलता, प्रदर्शन एवं अनुभव है। जिनका सफलता मे अहम योगदान है। अनुशासन-खिलाडी मे खेल के प्रति सदभाव पैदा करके उसकी कुशलता को बढाता है। दक्ष खिलाडी ही बेहतर प्रदर्शन का प्रतीक बनकर अनुभव प्राप्त करके अन्य खिलाडियों के लिए अनुभवशील रोल मॉडल बनता है। प्रशिक्षुओं द्वारा पूछे गये सवाल-जवाब सत्र मे डॉ0 चौहान ने अनेक प्रश्नों के तार्किक विश्लेषण सहित समाधान दिये। परिसंवाद मे एम.पी.एड., बी.पी.एड. तथा बी.पी.ई.एस. के प्रशिक्षु छात्र उपस्थित रहे।