दीपक मिश्रा
हरिद्वार। नगर के लोकप्रिय गीतकार, कवि, साहित्यकार तथा चेतना पथ के प्रकाशक व संपादक श्री अरुण कुमार पाठक द्वारा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी के कोरोनाकाल में आपदा को अवसर में बदलने हेतु किये गये जन-आह्वान को अंगीकार करते हुए रचित, ‘भारत की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव’ के अवसर पर 75 स्वाधीन सेनानियों की वीरगाथाओं के काव्य संकलन ‘आज़ादी के परवाने’ के वर्ल्डवाइड बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स शामिल किये जाने न केवल उन्होंने हरिद्वार व उत्तराखण्ड को गौरवान्वित किया है, बल्कि, हिन्दी साहित्य जगत में एक नया विश्व रिकार्ड स्थापित हुआ है।
इस सम्बन्ध में ‘भारत के अधिकतम स्वाधीनता सेनानियों की हिन्दी कविताओं के लेखन व प्रकाशन’ श्रेणी में स्थापित इस विश्व कीर्तिमान से सम्बन्धित ‘सम्मान सामग्री’ श्री अरुण कुमार पाठक को आज प्राप्त हुई। इसके अन्तर्गत उन्हें दो प्रमाण पत्र, पदक, बधाई पत्र, पहचान पत्र, कैप तथा एक फाउंटेन पैन शामिल है। उन्होंने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ल्ड वाइड बुक आफ रिकार्ड्स, गुड़गाँव द्वारा अगले वर्ष जनवरी में एक ‘वर्ल्ड रेकार्ड एलमनक’ का प्रकाशन किया जायेगा, जिसमें इस सम्बन्ध में भी एक सचित्र विवरण शामिल होगा। उन्होंने अपनी इस सफलता को माँ गंगा, अपने गोलोकवासी माता-पिता, अपने सभी परिजनों, सहयोगियों तथा विशेषरूप से कवि मित्रों को समर्पित किया है।
उल्लेखनीय है कि, कला-संस्कृति, अध्यात्म, साहित्य तथा जनसरोकारों के अनेक विषयों की हिन्दी पत्रिका के प्रकाशन के पूर्व भारत ले नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कार्यालय से वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त श्री अरुण कुमार पाठक ने 2016 में काव्य संकलन ‘अनुभूति’ का प्रकाशन करने के साथ ही 2021 के हरिद्वार महाकुम्भ के अवसर पर सात गीतों की एक वीडियो एलबम ‘ॐ नमामि गंगे’ तथा 2022 की हरिद्वार काँवड़ पर आधारित पाँच गीतों की एक आडियो एलबम ‘बनूंगा मैं तो काँवड़िया’ जारी की थी। उन्होंने बताया कि उनके इन सभी प्रयासों का उद्देश्य भारतीय संस्कृति व स्वस्थ परम्पराओं व मान्यताओं का प्रचार-प्रसार करना है।
इसी सम्बन्ध में रानीपुर मोड़ स्थित रायल प्लाजा में आयोजित एक कार्यक्रम में श्री अरुण कुमार पाठक का सम्मान करते हुए उन्हें उनकी इन सभी उपलब्धियों पर नगर की अनेक सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा बधाई दी गयी। उन्हें बधाई देने वालों में समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, सीमा चौहान, पर्यावरणविद् ग्रीनमैन विजय पाल बघेल, अनिल भारती, एस.एस. राणा, अधीर कौशिक, डा. चैतन्य गुरुजी, विनोद मित्तल, कामिनी सड़ाना, वरिष्ठ पत्रकार अनूप कुमार सिंह, डा. राधिका नागरथ, प्रमोद शर्मा, विश्वास सक्सेना तथा मिनी पुरी आदि विशेषरूप से शामिल थे।