गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय, की सॉफटबॉल टीम के चयन

दीपक मिश्रा 

 

गुरुकुलीय परम्परा से दीक्षित खिलाडी को अपने व्यवहार एवं चरित्र से खेलों मे शुचिता बनाये रखने पर जोर देना जरूरी है। बदले परिवेश एवं भौतिक संसाधनों की दौड से जुडे समाज मे आज भी गुरुकुलीय शिक्षण व्यवस्था के प्रति आदर एवं सम्मान का भाव है। यहां के छात्रों को इसका संवाहक बनकर नेतृत्व करने के लिए आगे आने की जरूरत है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार की सॉफटबॉल टीम के चयन अवसर पर योग एवं शारीरिक शिक्षा के संकायाध्यक्ष प्रो0 ब्रहमदेव ने खिलाडियों को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग दयानंद स्टेडियम परिसर मे ऑल इण्डिया इन्टरयूनिवर्सिटी सॉफटबॉल पुरूष चैम्पियनशिप मे प्रतिभाग के लिए विश्वविद्यालय की टीम का चयन किया गया। निवर्तमान डीन प्रो0 आर0के0एस0 डागर ने खिलाडियों को जीवन मे बेहतर करने के लिए सदैव प्रयत्नशील बने रहने की अपील की। सचिव, क्रीडा परिषद डॉ0 अजय मलिक ने कहॉ कि खिलाडी अपने प्रदर्शन से ही बेहतर मुकाम हासिल कर सकता है। इसका कोई दूसरा पर्याय नही है। कार्यक्रम का संचालन करते हुये डॉ0 शिवकुमार चौहान ने सम तथा विषम परिस्थितियों मे भी खिलाडी को मजबूती एवं दृढ संकल्प के साथ अडिग बने रहने तथा लक्ष्य प्राप्ति पर मिलने वाली खुशी किसी भी अन्य साधनों से प्राप्त नही हो सकती। चयन समिति के अध्यक्ष डॉ0 अनुज कुमार एवं संयोजक डॉ0 प्रणवीर सिंह ने बताया कि टीम मे 16 खिलाडियों का चयन किया गया है जिनमे आयुष, अनमोल मलिक, अंकित, मयंक कुमार, दक्ष काला, तरूण, प्रिंस पाल, विशु गुप्ता, अभिषेक सेलवाल, रघु दास, अभिषेक पाल, सौरभ पंवार, जितेन्द्र सिंह, हर्षित बहुगुणा, प्रियरंजन, शंशाक गौतम जबकि 02 अतिरिक्त खिलाडियों के रूप मे यश तथा गौरव को सम्मिलित किया गया है। टीम आगामी सप्ताह मे विक्रमा विश्वविद्यालय, आन्ध्र प्रदेश मे गुरुकुल कांगडी का प्रतिनिधित्व करेगी।

हरिद्वार- 12 नवम्बर- शोध से ही नये एवं तकनीकि विकास सम्भव है, सामान्य जीवन की बेहतरी के लिए शोध परक सिद्वान्तों पर तेजी से ओर अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के पूर्व डीन एवं शारीरिक शिक्षा के अध्यक्ष प्रो0 आर0के0एस0 डागर ने डिपार्टमेंट रिसर्च कमेटी की बैठक के दौरान यह बात कही। नये शोध छात्रों को परम्परागत खेलों को नये आयाम के साथ आधुनिक पीढी के समक्ष प्रस्तुत करने पर जोर देना जरूरी है। कमेटी के सदस्य एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि भारतीय संस्कृति के मूल मे परम्पराओं से जुडे खेलो का दैनिक जीवन के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव है। भारतीय संस्कृति मूल्य परक ही नही अपितु स्वास्थ्य की कठिनाईयों का भी सरल एवं दूरगामी समाधान प्रस्तुत करती है। इस अवसर पर संयोजक डॉ0 अजय मलिक ने शोध छात्रों को रिसर्च की बारिकियों पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रेरित किया।

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