डॉ0 शिवकुमार चौहान ने आई0आई0एम0टी0, मेरठ के शोध छात्रों को किया सम्बांधित

दीपक मिश्रा 

हरिद्वार-24 मई 2025 नये आईडिया तथा सोच से अनुसंधान को गति एवं सुविधाओं को विस्तार मिलता है। आईडिया तथा सोच बदलाव पैदा करके जीवन स्तर मे सुधार करते है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय मे एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने आई0आई0एम0टी0, मेरठ के शोध छात्रों को सम्बांधित करते हुये यह विचार व्यक्त किये। उन्होने कहॉ कि बौद्विक सम्पदा को बढाने के लिए शोध एक बेहतर माध्यम है। बेहतर स्वास्थ्य, समस्या समाधान, ज्ञान कौशल तथा दृष्टिकोण मे सुधार जैसे विकल्पों की बदलती स्थिति पर नियन्त्रण पाने के लिए शोध एकमात्र रास्ता है।

आई0आई0एम0टी0, मेरठ ने अपने सम्बद्व परिसरों मे शोध छात्रों के लिए व्याख्यानमाला का आयोजन किया जिसमे अनेक महाविद्यालयों के शोध छात्रों सहित प्राध्यापक वर्ग ऑन-लाईन तथा ऑफ-लाईन माध्यमों से व्याख्यानमाला से जुडे रहे। विषय प्रवर्तक के रूप मे डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि शोेेेेेेेेेेेेेेध के अभाव मे जीवन मे ठहराव तथा गति मे अवरोध पैदा होता है, जिससे जीवन की उपयोगिता मूल्यहीन तथा अर्थहीन बनकर रह जाती है। युवा शोधकर्त्ता शोध की प्रासंगिकता को वर्तमान आवश्यकताओं के साथ जोडकर रचनात्मक एवं प्रगतिशील आधार तय कर सकते है। पुरातन एवं आधुनिक ज्ञान के द्वारा समस्याओं का विश्लेषण करके संन्तुलित एवं सर्वमान्य निष्कर्ष प्राप्त करने मे मदद मिलती है। इसलिए नये ज्ञान के साथ ऋषि परम्पराओं से जुडे पुराने ज्ञान को समझकर शोध समस्या का बेहतर परिणाम प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद्व प्रो0 योगेन्द्र सिंह ने की। सत्र का संयोजन डॉ0 रविन्द्र कुमार राठौर तथा डॉ0 सुनीता बर्थवाल ने किया। इस अवसर पर डॉ0 प्रवीण कुमार, डॉ0 रविन्द्र सेहरावत, डॉ0 मोहित अग्रवाल, डॉ0 रीना गोस्वामी, डॉ0 सोमेश बन्धु तथा डॉ0 संगीता सिंह उपसिथत रहे।

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