दीपक मिश्रा
हरिद्वार/ कृष्णा नगर रामलीला कमेटी (रजि.) की रामलीला के तीसरे दिन अहिल्या उद्धार, पुष्प वाटिका, रावण बाणासुर संवाद और गौरी पूजन का मंचन किया गया। राजा जनक द्वारा ऋषि विश्वामित्र को सीता स्वयंवर के लिए निमंत्रण भेजा जाता है।विश्वामित्र राम लक्ष्मण को अपने साथ लेकर मिथिला पहुंचते हैं। रास्ते में राम एक शिला पर चरण रखते ही अहिल्या का उद्धार कर देते है। मिथिला के पुष्प वाटिका में राम सीता का आमना सामना होता है। जिसके बाद सीता अपनी सखियों के साथ गौरी पूजन करती हैं। वहीं रावण भी स्वयंवर में जाने को तैयार है जिसे बाणासुर रोकता है। रावण बाणासुर संवाद का दृश्य दर्शकों को बहुत पसंद आया। एक एक वाक्य पर दर्शकों ने तालियां बजाई। रावण की भूमिका प्रतीक मदान, बाणासुर- अनिल कटारिया, अहिल्या सिमर मदान, राम देव शर्मा, लक्ष्मण ज्योतिर्मय शर्मा, विश्वामित्र रोनित अरोरा, सीता-अमन गेरा, गौरी देवी चेस्टा, सखी की भूमिका परी गेरा, कशिश, युक्ति झाम ने निभाई।