आंदोलनकारी मूक बधिर और दिव्यांगजनो से सचिवालय में समाज कल्याण सचिव और कार्मिक विभाग सचिव से हुई मुलाकात

दीपक मिश्रा 

*आंदोलनकारी मूक बधिर और दिव्यांगजनो से सचिवालय में समाज कल्याण सचिव और कार्मिक विभाग सचिव से हुई मुलाकात*
*कल पुलिस ने आंदोलनकारी दिव्यांगजनो को धरना देने जाते वक्त लिया था हिरासत में*
*उत्तराखंड शासन से दिव्यांगजनो की करीब 3 घंटे तक वार्ता हुई*
हरिद्वार।
पिछली दो बैठक में समस्या का निराकरण न होने के कारण मंगलवार को अपनी विभिन्न मांगो के संबंध में आंदोलनरत मूक बधिर और दिव्यांग पदाधिकारियों की एक अति महत्वपूर्ण बैठक समाज कल्याण सचिव श्रीधर बाबू अद्दाकी की अध्यक्षता में अपर सचिव कार्मिक विभाग गिरधारी सिंह रावत व अन्य अधिकारियों के साथ देहरादून सचिवालय में फिर से कराई गई। इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने उत्तराखंड दिव्यांग क्रांति महाआंदोलन के सभी 6 प्रतिनिधियों विपिन चौहान, संदीप अरोड़ा, सोनिया अरोड़ा, अरविंद चौहान, अपूर्व नौटियाल, उमेश ग्रोवर आदि के साथ डेढ़ घंटे तक गहन मंत्रणा की। समाज कल्याण सचिव श्रीधर बाबू अद्दाकी ने सभी वरिष्ठ आंदोलनकारी प्रतिनिधियों के साथ हुए पिछली दो बैठकों क्रमशः 8 नवंबर और 20 नवंबर के बाद का कार्यवृत्त व रिपोर्ट मूक बधिर और दिव्यांग प्रतिनिधियों के सामने रखा और यह भी बताया कि उत्तराखंड दिव्यांग क्रांति आंदोलन के प्रतिनिधियों की मांगो के सम्बन्ध में जल्द ही मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता होना तय है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनो की मांगो को लेकर काफी गंभीर है। समाज कल्याण कार्मिक विभाग के अपर सचिव गिरधारी सिंह रावत ने सभी प्रतिनिधियों को दिव्यांगजनो की हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल आरक्षण में आ रही दिक्कतों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि हम हॉरिजॉन्टल और वर्टीकल आरक्षण की उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने की कोशिश करें दोनों की परिभाषाओं को समझ लेना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने रोस्टर प्रणाली से भी अवगत कराया और उन्होंने बैकलॉग भर्ती के सम्बन्ध में पूरी जानकारी दी। उसके बाद आंदोलनकारियों की समाज कल्याण अनुभाग कार्मिक विभाग के अनुभवी सीनियर अधिकारी गोविंद सिंह से भी घंटों वार्ता कराई गई। दिव्यांग प्रतिनिधियों की सभी अधिकारियों से तीन घंटे तक लंबी वार्ता हुई। सभी 6 वरिष्ठ प्रतिनिधियो ने आपस में विचार विमर्श कर कहा कि वे सभी वरिष्ठ अधिकारियों की बातो से संतुष्ट है। वरिष्ठ आंदोलनकारी संदीप अरोड़ा, विपिन चौहान और अरविंद चौहान ने फिलहाल आंदोलन पर विराम लगाने की घोषणा की। सोनिया अरोड़ा, अपूर्व नौटियाल और उमेश ग्रोवर ने मांग पूरी न होने की दशा में फिर से आंदोलन करने की बात कही और कहा कि उत्तराखंड को बने हुए 25 वर्ष पूर्ण हो चुके है, सरकारें आती जाती है, लेकिन मूक बधिर और दिव्यांगजनो के जीवन में कोई सुधार नहीं हुआ। दिव्यांगजनो को अपनी रोजी, रोटी, मकान, शिक्षा, चिकित्सा और सुरक्षा के लिए भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गौरतलब है कि सोमवार को परेड ग्राउंड देहरादून में धरना देने जा रहे मूक बधिर और दिव्यांगजनो को पुलिस ने रास्ते में गिरफ्तार किया और सुबह से करनपुर चौकी में हिरासत में रखा। लेकिन पुलिस ने शाम को रिहा कर दिया था लेकिन दिव्यांगजनो ने देर रात तक करनपुर चौकी में ही धरना दे दिया। दिव्यांगजन अपनी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री से बात करने के लिए अड़े थे। इसी दौरान देहरादून पुलिस और राज्य सरकार का सरदर्द बढ़ गया। एलआईयू ने दिव्यांगजनो की शासन से फोन में वार्ता कराई। शासन के वरिष्ठ अधिकारी समाज कल्याण सचिव श्रीधर बाबू अद्दाकी से सचिवालय में मंगलवार को मुलाकात कराने के आश्वासन पर दिव्यांगजनो ने धरना समाप्त कर दिया।
गौरतलब है 8 सितंबर को प्रदेश भर के 500 से अधिक दिव्यांगजनो ने सीएम आवास कूच किया था। पुलिस ने सभी दिव्यांगजनो को गिरफ्तार किया था और हर्रा वाला पुलिस चौकी छोड़ा था। उसके बाद भी दिव्यांगजनो को आंदोलन के लिए देहरादून जाते समय 3 बार हिरासत मे लिया गया था। मूक बधिर और दिव्यांगजनो ने अपनी 15 सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन किया।

———————–

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *