ओजोन परत रूपी पृथ्वी के कवच का क्षरण रोकना बना वैश्विक चुनौती : ग्रीनमैन विजयपाल बघेल

दीपक मिश्रा

 

*बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहा है ओजोन परत को खतरा : डीएफओ*

*सीएफसी गैस के बढ़ते प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना जरूरी : हरितऋषि बघेल*

हरिद्वार, 16 सितंबर। देवभूमि उत्तराखंड के कनखल क्षेत्र में जगजीतपुर के नामचीन डिवाइन लाइट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विश्व ओजोन दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन टी ट्रस्ट ऑफ इंडिया के तत्वाधान में हुआ। ओजोन संरक्षण विषय पर आधारित विशाल सम्मेलन में अध्यक्षीय उद्बोधन प्रभागीय वन अधिकारी हरिद्वार श्री नीरज शर्मा ने दिया और मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर हरितऋषि विजयपाल बघेल (ग्रीनमैन ऑफ इंडिया) द्वारा प्रमुख व्याख्यान दिया गया। ओजोन परत के बढ़ते क्षरणीकरण की चिंता को ध्यान रखकर चित्रकला प्रतियोगिता का वृहद आयोजन किया जिसके माध्यम से सात सौ से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। ग्रीनमैन ऑफ इंडिया श्री विजयपाल बघेल ने अपने व्याख्यान में ओजोन परत के निरंतर बढ़ते क्षरणीकरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की और इस विकराल रूप लेती समस्या को वैश्विक चुनौती बताया।

हरितऋषि बघेल ने सीएफसी गैस के प्रयोग में हो रही बेतहाशा वृद्धि पर प्रतिबंध लगाया जाना अत्यंत जरूरी बताया और अधिकाधिक पौधारोपण करके हरित क्षेत्र बढ़ाने पर जोर दिया। डीएफओ नीरज शर्मा ने ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ओजोन परत को होने वाले नुकसानों की जानकारी दी और बच्चों को नमामि गंगे के तहत गंगा संरक्षण व स्वच्छता से संबंधित छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई गई। विशिष्ट अतिथि डा रतनलाल कौशिक, वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, कवियत्री राजकुमारी, नमामि गंगे से सत्यदेव आर्य, ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया के समन्वयक विनय कुमार निमेष आदि ने भी विचार रखे।

विद्यालय निदेशक लक्ष्मीकांत सैनी ने विद्यालय की उपलब्धियों के बारे विस्तार से चर्चा की और प्रशासक डा किरण मिश्री व प्रधानाचार्य राजेश शर्मा ने अतिथियों को सम्मान प्रतीक देकर अभिवादन किया। राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा इस मौके पर पौधारोपण कर समारोह का समापन कराया। इस अवसर पर बृजेश कुमार, भावना चौहान, रजनी मालवीय, आशीष सैनी, युवराज जोशी तथा संगीत सेमवाल आदि सहित सैकड़ों समाजसेवियों के साथ हजारो छात्र छात्राओं ने भाग लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नाटक आदि के माध्यम से आयोजन में चार चांद लगाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *