दीपक मिश्रा
हरिद्वार। पंच दशनाम जूना अखाड़े द्वारा संचालित उत्तराखंड के पौराणिक तीर्थों की पवित्र छड़ी यात्रा ने शनिवार को प्रथम चरण पूरा कर लिया है। शनिवार को पवित्र छड़ी ने सवेरे भारी बर्फवारी के बीच भगवान बद्रीनाथ के दर्शन किए और पूजा अर्चना कर राष्ट्र, उत्तराखंड के विकास व विश्व में शांति स्थापित करने की कामना करते हुए आशीर्वाद मांगा। पवित्र छड़ी जोशीमठ में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज, विष्णु प्रियानंद महाराज के सानिध्य में अक्षय वट, शंकराचार्य गुफा ,नृसिंह मंदिर व अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए पहुंची। पवित्र छड़ी मुख्य बाजारों से होती हुई नगर के मध्य पहुंची, जहां श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय नागरिकों को संबोधित करते हुए छड़ी के प्रमुख महंत जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमंहत प्रेम गिरि महाराज ने इस यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पलायन है, सीमावर्ती गांव के लोगों लोग पलायन कर रहे हैं, जिस कारण वहां भी विधर्मियों की घुसपैठ बढ़ रही है। यह लोग वहां जमीन खरीद कर बस रहे हैं। इस पलायन को रोकने का एकमात्र उपाय है यहां के पौराणिक मंदिरों का जीर्णोद्धार व विकास हो ताकि तीर्थाटन पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले। इसके अतिरिक्त सीमावर्ती जनपदों में उच्च शिक्षा संस्थान, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, व औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जानी अत्यंत आवश्यक है ।इन्हीं उद्देश्यों के साथ पवित्र छड़ी यात्रा जन जागरण कर रही है ।आज पवित्र छड़ी शनिवार प्रातः बद्रीनाथ धाम भारी बर्फबारी के बीच हर हर महादेव के जय घोष के साथ पहुंची ।जहां विद्वान पुरोहितों ने पवित्र छड़ी का अभिषेक किया। इस पूर्व छड़ी ने पांडुकेश्वर तथा विष्णु प्रयाग तीर्थ में पूजा अर्चना की। चारों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ तथा बद्रीनाथ धाम की यात्रा समाप्त कर पवित्र छड़ी कुमायूं मंडल के मानस खंड के तीर्थ की यात्रा के लिए बागेश्वर बागनाथ धाम के लिए रवाना हुई ।दीपावली के पावन व शुभ अवसर पर पवित्र छड़ी मानस खंड के तीर्थ के दूसरे चरण की यात्रा प्रारंभ करेगी। श्री महंत प्रेम गिरि महाराज ने बताया कुमायूं मंडल में पवित्र छड़ी आदि कैलाश ओम पर्वत, जागेश्वरधाम, बैजनाथ,हाट काली, मायावती मंदिर ,काशीकर देवी सूर्य मंदिर कटारमल ,पाताल भुवनेश्वर सहित कई अन्य पौराणिक तीर्थ का दर्शन करेगी। इस पवित्र छड़ी यात्रा में श्री महंत शिव दत्त गिरी, श्री महंत पुष्कर राजगिरी, श्री महंत रंजीता नंद गिरी, श्री महंत अजय पूरी ,श्री महंत रूद्रानंद, महंत आदित्य गिरी, महंत हरिशानंद वन ,महंत वशिष्ठ गिरि, महंत आकाश गिरी, महंत रतन गिरी, महंत अमृतपुरी, महेंद्र गिरी , सर्वेश्वर आनंदपुरी तथा महंत रामपुरी आदि संत शामिल हैं।