सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अखाड़ा परंपरा की अहम भूमिक -शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम

दीपक मिश्रा

हरिद्वार, 27 फरवरी। जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महंत रघुमुनि महाराज सनातन धर्म संस्कृति व संत परंपरांओं को आगे बढ़ाने में अतुलनीय योगदान कर रहे हैं। मंगलवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महंत रघुमुनि व गौ गंगा धाम सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास ने कनखल स्थित जगद्गुरू आश्रम में शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम से भेंट की और फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत कर आशीर्वाद लिया। जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अखाड़ा परंपरा की अहम भूमिका है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महंत रघुमुनि अखाड़ा और संत परंपरा का पालन करते हुए देश विदेश में सनातन धर्म संस्कृति की पताका का फहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी को संत रूपी सद्गुरू के सानिध्य में मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। महंत रघुमुनि महाराज ने कहा कि जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज सनातन धर्म संस्कृति के विलक्षण विद्वान हैं। संत परंपरांओं के संरक्षण में उनका योगदान सभी के लिए अनुकरणीय है। शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज के दिशा निर्देशन में जगद्गुरू आश्रम भक्तों को धर्म और अध्यात्म की प्रेरणा देने के साथ मानव कल्याण में अहम भूमिका निभा रहा है। गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मलदास महाराज ने कहा कि मानव कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। संत महापुरूषों के संघर्ष के फलस्वरूप अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर पूरे विश्व को आध्यात्मिक प्रकाश से आलोकित कर रहा है।

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