व्यक्ति के लिए यज्ञ से बडा श्रेष्ट कार्य कोई नही हो सकता

दीपक मिश्रा

 

हरिद्वार-21 मार्च परमात्मा की मनुष्य को प्रतिदिन दी जाने वाली सबसे अनुपम भेंट यज्ञ है। व्यक्ति के लिए यज्ञ से बडा श्रेष्ट कार्य कोई नही हो सकता। गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के पर्याय के आयोजित यज्ञ के अवसर पर यज्ञ के आचार्य डॉ0 बबलू वेदालंकार ने यह बात कही। माता लालदेवी यज्ञशाला मे आयोजित यज्ञ के अवसर पर उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुये डॉ0 बबलू ने कहॉ कि मनुष्य जीवन श्रेष्ठ कार्य के निमित्त ही बना है। परोपकार एवं जनकल्याण की भावना ही उसके कर्मो का मार्ग प्रशस्त करती है। जिसके लिए सभी को यज्ञ रूपी परमात्मा का प्रतिदिन स्मरण करना चाहिए। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन की शुरूआत श्रेष्ठ एवं कल्याणकारी कार्यो के सम्पादन से करनी चाहिए। जिससे व्यक्ति का भाव पवि़त्र एवं आचरण की शुद्वता बनी रहती है। भौतिक संसार की दिनचर्या विपरीत व्यवहार के कारण व्यक्ति के उत्तम आचरण मे अवरोध पैदा करती है। जिसके फलस्वरूप व्यक्ति का कल्याणकारी पथ पर चलना दुस्कर हो जाता है। यज्ञ मे डॉ0 भगवानदास एवं अन्य पाठयक्रमों के छात्र एवं शिक्षक उपस्थित रहे।

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