श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से नष्ट हो जाते हैं जन्म-जन्मांतर के विकार -स्वामी हरिचेतनानंद

दीपक मिश्रा 

हरिद्वार, 3 जून। आनन्दमयी पुरम दक्ष रोड़ कनखल स्थित श्री महर्षि ब्रह्महरि उदासीन आश्रम में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ पर आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत दामोदर शरण महाराज के सानिध्य और कथा संयोजक डेरा बाबा भाई गुरदास मानसा पंजाब के महंत एवं उदासीन भेष महामंडल के प्रधान अमृतमुनि महाराज के संयोजन में भक्तों ने गंगा तट से कथा स्थल तक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली। कथा के प्रथम दिवस पर भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं और प्राणी को लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि लेकिन कथा की सार्थकता तभी है। जब हम इसे अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। कथाव्यास स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन और श्रवण दोनों परम्कल्याणकारी हैं। खासतौर पर गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में कथा श्रवण का पुण्य लाभ दोगुना हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमहंत दामोदार शरण महाराज एवं महंत अमृत मुनि महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को कथा का अमृतपान करने का अवसर प्रदान कर सराहनीय कार्य किया है। श्रीमहंत दामोदर शरण महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारने करने से सभी इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरूदेव बाबा कल्याणदास महाराज की प्रेरणा से आयोजित की जा रही कथा सभी के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगी। महंत अमृत मुनि महाराज ने कहा कि अन्य युगों में जहां पुण्य प्राप्ति के लिए अनेक यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि स्वयं भी कथा का श्रवण करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर स्वामी हरिचेतनानंद, महंत राघवेंद्र दास, महंत अमृतमुनि, महंत प्रेमदास, महंत जयेंद्र मुनि, स्वामी हरिहरांनद, महंत गोविंददास, महंत गंगादास, स्वामी दिनेश दास, महंत जसविंदर सिंह, महंत निर्भय सिंह, महंत कैलाशानंद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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