काँवड़ मेला: यूनेस्को से विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित कराने की माँग

दीपक मिश्रा 

हरिद्वार। नगर के लोकप्रिय कवि, गीतकार, साहित्यकार तथा चेतना पथ मासिक पत्रिका के प्रकाशक तथा सम्पादक अरुण कुमार पाठक ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आगामी ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिये उन्हें एक विशेष संदेश प्रेषित कर हरिद्वार में फाल्गुन तथा श्रावण मास में आयोजित होने वाले काँवड़ मेले को ‘महाकुम्भ मेले’ की तर्ज़ पर यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्रसंघ के अनुषांगिक संगठन) से ‘विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ घोषित कराने का आग्रह किया है।
उक्त संदेश में अरुण पाठक ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया है, कि “आपने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के एक सौंवे संस्करण में हरिद्वार की काँवड़ यात्रा के महत्व तथा उसके आयोजन में सामने आने वाली चुनौतियों की विस्तार से चर्चा की थी।” इस मेले को ‘विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित करने के औचित्य को लेकर उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि, “इस वर्ष श्रावण काँवड़ श्रद्धालुओं की संख्या पाँच करोड़ का आँकड़ा पार कर रही है। महाकुम्भ के आयोजन को संयुक्त राष्ट्र संघ की अनुषांगिक शाखा यूनेस्को पहले ही ‘विश्व की अमूर्त धरोहर’ घोषित कर चुकी है। प्रत्येक 12 वर्षों बाद लगने वाले महाकुम्भ के आयोजन की अपेक्षा महज 12 दिनों के अंतराल में प्रत्येक वर्ष में दो बार होने वाले आयोजन की तैयारी, व्यवस्था तथा शांतिपूर्ण सम्पन्नता के लिये सरकार और शासन प्रशासन के साथ-साथ समूची क़ायनात हमारे जनमानस के रूप में जुटी हुई प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देती है।”
उत्तराखण्ड एवं विशेषरूप से हरिद्वार के लोगों से भी इसी आशय का अभियान चलाने का आग्रह करते हुए अरुण कुमार पाठक ने कहा है, कि वह बहुत ही शीघ्र इस मांग को लेकर लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा में हरिद्वार के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ राज्य के धर्मस्व मामलों‌ के मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी इसी आशय का पत्र सोंप कर हरिद्वार काँवड़ मेले को यूनेस्को द्वारा ‘विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ का दर्जा दिलाने हेतु प्रयास करने का अनुरोध करेंगे।
उल्लेखनीय है कि, श्री अरुण कुमार पाठक ने जहाँ हरिद्वार महाकुम्भ-2021 के दौरान माँ गंगा तथा हरिद्वार महाकुम्भ को लेकर नगर के श्रेष्ठ गायकों के साथ लेकर जहाँ सात स्वरचित भजनों की एक वीडियो एलबम तैयार की थी, तो दूसरी ओर गत वर्ष काँवड़ मेले के समय पाँच काँवड़ गीतों की आडियो एलबम भी बनाई थी, जो काफी लोकप्रिय हुई थी। साथ ही उन्होंने अगस्त 2022 में आजादी के अमृत महोत्सव के दृष्टिगत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान को अक्षरशः अंगीकार करते हुये भारत के 75 स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित स्वरचित काव्य संकलन ‘आज़ादी के परवाने’ का भी प्रकाशन किया था।

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