श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में हुआ संस्कृत सप्ताह का समापन

दीपक मिश्रा 

 

श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में हुआ संस्कृत सप्ताह का समापन
श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में विगत सप्ताह से चल रहे संस्कृत सप्ताह का समापन हो गया।
ज्ञात हो कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में विगत सप्ताह से संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया जा रहा था।जिसका उद्घाटन विगत सप्ताह की 16 तारीख को हुआ था। जिसके अन्तर्गत संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु, विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।आज समापन सभा के अवसर पर महाविद्यालय में कविसम्मेलन का भी आयोजन किया गया।
आज सभा को अध्यक्ष के रूप में सम्बोधित करते हुए श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार के पूर्व प्राचार्य डाॅ.भोला झा ने कहा कि संस्कृत सप्ताह के इस अवसर पर विभिन्न कवियों के द्वारा अत्यन्त उत्तम काव्यों का गान किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में सभा को सम्बोधित करते हुए श्रीगरीबदासीय आश्रम के परमाध्यक्ष श्रद्धेय स्वामी रविदास ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार- प्रसार हेतु ही इस महाविद्यालय का स्थापना 1965 में की गयी थी।जिसमें लाला भगवान दास का अत्यन्त महत्त्व पूर्ण योगदान है जिन्होंने उस समय 2 लाख की धनराशि इस महाविद्यालय के निर्माणार्थ प्रदान की थी,जिसके फलस्वरूप ही इस महाविद्यालय की स्थापना हो सकी।इस महाविद्यालय के संस्थापक श्रीगुरुचरणदास महाराज,महन्त स्वामी रामप्रकाश महाराज,श्रीहरप्रकास महाराज एवं श्रीगोविन्दप्रकाश महाराज भी आज के दिन नितान्त स्मरणीय हैं।
कविसम्मेलन का आयोजन आनलाइन माध्यम से भी किया गया।जिसमें भोपाल से श्री लक्ष्मीनारायण पाण्डेय ने अतीता श्रिता शर्वरी मन्दमन्दम् ,बागपत से श्रीअरविन्द तिवारी ने दुर्गारूपमये धरस्व इस कविताका पाठ किया गया, कवि सर्वेश तिवारी ने जीवने पिब संस्कृतम्,डाॅ.शैलेश कुमार तिवारी ने अखण्डं भवेत् भारतम्,झारखण्ड से डाॅ.राहुल पोखरियाल ने मेघमालिके प्रचोदय,डाॅ.व्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव ने कलिः प्रमत्तं कुरुते सकौतुकम्, डाॅ.दीपक कोठारी ने संस्कृतं सेवनीयं त्वया से हृदा कविता का पाठ किया एवं अन्य नवोदित युवकवियों द्वारा भी अपने काव्यपाठ प्रस्तुत किये गये।
इस अवसर पर प्राध्यापकों सहित समस्त महाविद्यालयीय छात्र समुपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सञ्चालन व्याकरण विभाग के प्राध्यापक डाॅ.दीपक कुमार कोठारी द्वारा किया गया।

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