दीपक मिश्रा
हरिद्वार, 12 जुलाई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सावन का महीना देवों के देव महादेव भगवान को समर्पित है। सावन में प्रत्येक सनातनी भगवान शिव की आराधना करता है। अधिकमास के चलते इस वर्ष सावन दो महीने का है और भक्तों को शिव आराधना का अधिक अवसर मिलेगा। इसलिए प्रत्येक भक्त को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और अधिक से अधिक शिव आराधना करनी चाहिए। निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में भगवान शिव के निमित्त विशेष अनुष्ठान के दौरान उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। इस बेहद पवित्र माह में करोड़ों शिवभक्त कांवड़िए हरिद्वार से गंगा ले जाकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं। भगवान शिव को जलाभिषेक अत्यन्त प्रिय है। जलाभिषेक किए जाने से प्रसन्न होकर भगवान शिव भक्तों के सभी संकट दूर कर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। उन्होंने कहा कि देवों के देव महादेव शिव सृष्टि के प्रधान देवता हैं। सृष्टि का आदि और अंत सब कुछ शिव में ही समाहित है। भगवान शिव अत्यन्त भोले हैं। भक्त की भक्ति और मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न हो जाने के कारण ही उन्हें भोलेनाथ भी कहा गया है। शिव कल्याणकारी हैं। मानव कल्याण के लिए ही शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को अपने कंठ में धारण किया था। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाए। भगवान शिव की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती। शिव आराधना का भक्त को हमेशा सकारात्मक फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि सेवा सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। इस समय लाखों शिवभक्त कांविड़एं गंगा जल लेने हरिद्वार आ रहे हैं। सभी को अपनी सामथ्र्यनुसार शिवभक्तों की सेवा करनी चाहिए।