दीपक मिश्रा
*श्री भगवान धाम कबीर आश्रम में धूमधाम से मनाया गया नौवां वार्षिकोत्सव*
हरिद्वार 15 सितंबर 2024। पुराना हरिद्वार ऋषिकेश मार्ग स्थित श्री भगवान धाम कबीर आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी जित्वानंद महाराज के सानिध्य में नौवां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जिसमें रविवार को विशाल संत सम्मेलन आयोजित हुआ। वहीं इससे पूर्व आश्रम में शनिवार को भव्य भजन संध्या आयोजित हुई, जिसमें महंत धूनी दास ने सुंदर भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
रविवार को आयोजित विशाल संत सम्मेलन में विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों ने पहुंचकर श्रद्धालुओं को प्रवचन दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता महामंडलेश्वर ज्ञानदेव सिंह महाराज निर्मल अखाड़ा द्वारा की गई, मंच संचालन कर रहे वरिष्ठ महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हरिद्वार उत्तराखंड देवभूमि का पहला ऐसा पवित्र स्थान है जहां से चार धाम यात्रा गंगा स्नान करने के पश्चात शुरू होती है। उन्होंने कहा कि स्वामी जित्वानंद महाराज अपने कार्यों से समाज एवं राष्ट्र को एक नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वामी जित्वानंद तपस्वी और विद्वान संत हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी ने कहा कि संत कबीरदास ने अपनी वाणी और अपने कथनों से जनता के लिए कई अनमोल रास्ते बनाए हैं। कबीर दास के दोहे एक ऐसी वस्तु के रूप में विख्यात हैं, जिन्हें पढ़कर कोई भी इंसान अपने जीवन को सही रास्ते पर ला सकता है। साथ ही उन्होंने कहा स्वामी प्रकाशानंद महाराज युवा एवं ऊर्जावान संत है। जिनके नेतृत्व में श्री भगवान धाम कबीर आश्रम समाज सेवा के प्रकल्पों में भली भांति अपना योगदान प्रदान कर रहा है। हम सभी इनके उज्जवल भविष्य और दीर्घायु की कामना करते हैं। अंत में श्री भगवान धाम कबीर आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी जितवानंद महाराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे गुरुजनों द्वारा दिए गए वचनों पर खरा उतरना हमारा कर्तव्य है। हमें पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य को ना भूलकर समाज हित के लिए अपना जीवन न्योछावर कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना ही संतों का मूल उद्देश्य है। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का स्वागत करते हुए श्री भगवान धाम कबीर आश्रम के प्रबंधक स्वामी प्रकाशानंद महाराज ने कहा कि युगो युगांतर से बहती आ रही निर्मल और पवन गंगा को स्वच्छ बनाए रखना हम सब का प्रथम उद्देश्य और कर्तव्य होना चाहिए, उन्होंने कहा कि यह निर्मल गंगा सिर्फ बह नहीं रही है, अपितु करोड़ों लोगों को जीवन प्रदान कर रही है और यह साक्षात देवी का स्वरूप है। इसकी मान मर्यादाओं का ख्याल रखना हम सभी का कर्तव्य हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि संत समाज की सेवा करते हुए समाज कल्याण में योगदान सुनिश्चित करना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है। श्री भगवान धाम कबीर आश्रम के प्रबंधक/संयुक्त सचिव स्वामी प्रकाशानंद महाराज के संयोजन में कार्यक्रम संपन्न हुआ, इस अवसर पर महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद, महामंडलेश्वर ललितानंद, महामंडलेश्वर प्रेमानंद, महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत राजकुमार दास, महंत बिहारी शरण, जूना अखाड़ा पूर्व सचिव स्वामी देवानंद, महंत शुभम् गिरी, महंत स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत तपस्वी ज्ञान स्वरूप हठयोगी (भागलपुर, बिहार), महंत मिथलेश गोस्वामी, महंत रामप्रिय गोस्वामी, महंत नरसिंह गोस्वामी, महंत ज्ञानानंद गोस्वामी आदि संत उपस्थित थे।