दीपक मिश्रा
हरिद्वार/ श्री कृष्णा नगर रामलीला कमेटी द्वारा कृष्णा नगर स्थित रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला के पहले दिन कैलाश लीला और राम जन्म का मंचन किया गया। लंकापति रावण तपस्या कर भगवान शिव को खुश करता है। भगवान शिव प्रसन्न होकर रावण को एक तलवार देते हैं और कहते हैं जिस दिन तलवार की पूजा नहीं होगी उसी दिन रावण का अंत हो जाएगा। वहीं अयोध्या में राजा दशरथ अपने वंश को लेकर चिंतित हैं। तभी मुनि वशिष्ठ उन्हें शृंग ऋषि को दरबार में आमंत्रित करने को कहते हैं। शृंग ऋषि राजा दशरथ को यज्ञ करने की सलाह देते हैं। जिसे राजा दशरथ मान लेते हैं और यज्ञ के उपरांत उन्हें अग्नि द्वारा प्रसाद दिया जाता है जिसे तीनों रानियां ग्रहण करती है। जिसके उपरांत चार बालक जन्म लेते हैं। जिनका नाम राम, भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण रखा जाता है। बालकों के जन्म पर अयोध्या में खुशी मनाई जाती है। भगवान शिव का अभिनय जगदीश चावला, दशरथ के अभिनय में विनायक शर्मा, नंदी के अभिनय में तरुण मदान, रावण के अभिनय में प्रतीक मदान, गुरु वशिष्ठ का अभिनय पार्थ अरोड़ा और शृंग ऋषि का अभिनय कार्तिक गेरा ने किया।