दीपक मिश्रा
हरिद्वार-04 अक्टूबर स्वच्छता के लिए मानसिक रूप से तैयार होने तथा स्वभाव मे बदलाव की अहम जरूरत है। सोच बदलने से ही स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार द्वारा शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के तत्वावधान मे स्वभाव स्वच्छता- संस्कार स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन दयानंद स्टेडियम प्रांगण मे किया गया। 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक पूरे माह चलने वाले इस कार्यक्रम मे प्लास्टिक, आयरन एवं इलेक्ट्रानिक स्क्रेप को पुनः उपयोग मे लाने के लिए जागरूकता तथा वेस्ट सामान को रॉक-गॉर्डन के मॉडल की तरह रि-साईकल करते हुय परिसर को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाना है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्देशित इस मुहिम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं वैदिक मंत्रोचार के साथ प्लास्टिक स्क्रेप का एकत्रिकरण करके किया गया। कुलपति प्रो0 हेमलता के0 ने छात्रों तथा शिक्षकों का आहवान किया कि स्वच्छता ही सेवा है, के लिए युवा पीढी को स्वच्छता के प्रति सोच बदलने तथा स्वभाव से स्वच्छता को अपनानेे से ही स्वच्छ वातावरण, समाज एवं देश का निर्माण किया जा सकता है। प्रो0 नवनीत ने चेचक, टी0बी0 तथा पाण्डु रोग के समाधान मे स्वच्छ वातावरण की भूमिका एवं वैदिक जीवन व्यवस्था अपनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुये डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि जीवन-शैली मे बदलाव की सब बात करते है। केवल मात्र जीवन-शैली बदलने से स्वच्छता के मिशन मे कामयाबी हासिल नही की जा सकती। अपने रोज के कार्यो मे हम सभी को स्वच्छता को आवश्यक रूप से शामिल करना होगा। कार्यक्रम के अन्त मे कुलपति प्रो0 हेमलता ने छात्रों तथा शिक्षकों को स्वच्छता को अपनाने तथा विश्वविद्यालय प्रांगण के साथ हरिद्वार शहर को भी स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए स्वच्छता शपथ दिलाई। कुलपति ने स्वयं भी झाडू तथा वाईपर चलाकर स्वच्छता कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अवसर पर नोडल अधिकारी प्रो0 पवन कुमार, डॉ0 अजय मलिक, डॉ0 जगराम मीणा, डॉ0 राकेश भूटियानी, डॉ0 कपिल मिश्रा, डॉ0 अनुज कुमार, डॉ0 प्रणवीर सिंह, दुष्यन्त राणा, डॉ0 सचिन पाठक तथा विभिन्न संकायों के छात्र उपस्थित रहे। संचालन डॉ0 शिवकुमार चौहान ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 सचिन पाठक ने किया।