वनभोज व सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिखी गोरखाली समाज की एकता और परंपरा

दीपक मिश्रा 

हरिद्वार में गोरखाली महिला कल्याण समिति की ओर से वनभोज एवं सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। बैरागी कैंप स्थित में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गोरखाली समाज के लोगों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में सुभाष घाट व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजू वधावन विशिष्ट अतिथि रहे। दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना और गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। महिलाओं ने, झली को झलल, सुरके थैली, माईती घर, टाकन टुकन, चींटीकै भाछुरे, मत ढले ढले, गौरखे खुकुरी,साल को पात टपरी और कुटुम कुटुम सुपारी दाना जैसे पारंपरिक लोकगीतों पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किए। इस अवसर पर महिलाओं को पारंपरिक भोजन भी कराया गया। कार्यक्रम को पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने वीडियो संदेश के माध्यम से शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजन समाज को अपनी जड़ों से जोड़े रखने और सकारात्मक सामाजिक चेतना विकसित करने में सहायक होते हैं।
म कहा कि बनभोज गोरखाली समाज की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है और इसे भावी पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। विशिष्ट अतिथि राजू वधावन ने कहा कि ऐसे आयोजन सामाजिक समरसता, आपसी सहयोग और सांस्कृतिक संरक्षण को मजबूती प्रदान करते हैं। महिला कल्याण समिति की अध्यक्ष पदमा पाण्डेय और महामंत्री शारदा सुबेदी ने कहा कि समिति लंबे समय से सामाजिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बनभोज जैसे पर्व महिलाओं की आस्था, श्रद्धा और पारिवारिक एकता का प्रतीक हैं, जो समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं।
कमला सुबेदी और रेखा सुबेदी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से महिलाओं को अपनी संस्कृति को खुलकर व्यक्त करने का अवसर मिलता है और आपसी मेलजोल बढ़ता है। पदम प्रसाद सुबेदी और लोकनाथ सुबेदी ने कहा कि वनभोज एवं सांस्कृतिक महोत्सव समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सामूहिक सहभागिता का संदेश भी देता है। कार्यक्रम में हरिद्वार के अलावा देहरादून, रायवाला, ऋषिकेश, डोईवाला, रुड़की, छिदरवाला, मोतीचूर और गाजीवाला से भी सैकड़ों गोरखाली महिलाएं और पुरुष शामिल हुए।
कार्यक्रम में आचार्य स्वामी रवि देव शास्त्री, स्वामी हरिहरानन्द महाराज, महंत दिनेश दास, सुतिक्षणमुनि महाराज, सपना खड़का, तनुजा पाण्डेय, तारा अर्याल, मधु पाण्डेय, माया रेवले, चंपा उपाध्याय, भगवती ओझा, मन्दिरा,कल्पना बोहरा, कल्पना ओझा, पार्वती कंडेल, भावना शर्मा, कमला पांडेल, रमा पाण्डेय, ज्योति पांडेय, अम्बिका उपाध्याय, गंगा देवी उपाध्याय, वीना बिस्ट, रोशनी बिस्ट, पुष्प राज पाण्डेय, रामप्रसाद शर्मा, विजय शर्मा सुबेदी, गगन भंडारी, लछमण ओझा, लक्ष्मण गौतम, कपिल नेपाल, सुशील पाण्डेय, कमल खड़का, शमशेर बहादुर बम, नारायण शर्मा सहित बड़ी संख्या में गोरखाली समाज के लोग मौजूद रहे।

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