दीपक मिश्रा
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार की अन्तर्राष्ट्रीय पावरलिफ्टर भारत की शान, ‘स्ट्रांग वूमैन आफ उत्तराखण्ड एण्ड वर्ल्ड’, अन्तर्राष्ट्रीय पावरलिफ्टर श्रीमती संगीता राणा ने आज जापान के हिमेजी शहर में जारी दस दिवसीय एशियन एफ्रीकन पैसिफिक मास्टर्स एंड क्लासिक, पावरलिफ्टिंग एंड बैंच प्रैस चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, 69 किलोग्राम भार वर्ग की बैंचप्रैस ‘इक्विप्ड’ व ‘क्लासिक’ दोनों स्पर्धाओं के रजत पदक जीत कर दोहरी सफलता अर्जित करते हुए एक बार फिर से देश और दुनिया में हरिद्वार और उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है।
संगीता ने अपनी इस दोहरी सफलता की जानकारी देते हुए चेतना पथ के सम्पादक अरुण कुमार पाठक को फोन पर बताया कि वह ‘इक्विप्ड’ स्पर्धा का रजत पदक कल (शनिवार) को जीत चुकी थीं, जबकि, क्लासिक ईवेंट आज (रविवार) को सम्पन्न हुई। इक्विप्ड स्पर्धा में जापान को स्वर्ण तथा आस्ट्रेलिया को काँस्य पदक मिला जबकि संगीता ने अपने रजत पदक के लिये 80 किलो वजन उठाया। आज हुई ‘क्लासिक’ स्पर्धा में उन्होंने 70 किलो वजन उठा कर रजत पदक जीता। यहाँ स्वर्ण पदक भारत (महाराष्ट्र) की पावरलिफ्टिर को मिला, जबकि, तीसरे स्थान पर यहाँ भी आस्ट्रेलिया ही रहा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 की प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के प्रतिष्ठित ‘महिला सशक्तिकरण तीलू रौतेली सम्मान’ तथा ‘सुषमा स्वराज एवार्ड’ से नवाजी जा चुकीं, संगीता राणा इसके पूर्व सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) में हुई अन्तर्राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप के तीन तथा अलमाटी (कज़ाख़स्तान) में हुई विश्वकप पावरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप के दो स्वर्ण पदकों सहित अब तक कुल आठ स्वर्ण पदकों के साथ-साथ प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के अनेक पदकों, ओवर आल चैम्पियनशिप के अलावा ‘स्ट्रांग वूमैन’ के खिताबों को भी जीत चुकी हैं।
रानीपुर के टिहरी विस्थापित कालोनी निवासित संगीता वर्तमान में अपने खेल को बढ़ावा देने के साथ-साथ तमाम बालक-बालिकाओं व युवा खिलाड़ियों को भी पावरलिफ्टिंग के गुर सिखा रही हैं। साथ ही वह अपने दो पुत्रों को मातृत्व भी प्रदान कर रही हैं। संगीता के पति मुकेश राणा सिडकुल स्थित एक औद्योगिक कम्पनी में प्रबन्धक (मानव संसाधन) के पद पर कार्यरत है। बड़ा बेटा बास्केटबॉल खेलता है, जबकि छोटा पुत्र ताइक्वांडो खिलाड़ी है।