दीपक मिश्रा
्उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा खंड स्तरीय प्रतियोगिताओं का शुभारंभ ज्वालापुर इंटर कॉलेज ज्वालापुर में हुआ।
प्रतिवर्ष प्रदेश की द्वितीय राजभाषा के संरक्षण, संवर्धन के लिए आयोजित की जाने वाली छ: प्रकार की प्रतियोगिताएं जिसमें संस्कृत नाटक प्रतियोगिता, संस्कृत समूह गान प्रतियोगिता, संस्कृत नृत्य प्रतियोगिता, आशु भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता, एवं श्लोकोचारण प्रतियोगिता का आयोजन प्रदेश के 95 विकासखंड में आयोजित की जाती हैं बहादराबाद विकासखंड की प्रतियोगिताओं का शुभारंभ गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमदेव सतांशु गुरुकुल विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर भारत भूषण, प्रतियोगिता के जनपद संयोजक डॉ नवीन चंद्र पंत, डॉक्टर प्रकाश चंद्र जोशी, एवं राजेश राय के साथ ही खंड संयोजिका डॉ लक्ष्मी देवी प्रधानाचार्य सेवा सदन महिला इंटर कॉलेज मायापुर ने दीप प्रज्वलित कर प्रारंभ किया। प्रतियोगिता में बहादराबाद विकासखंड के पतंजलि विश्वविद्यालय, आचार्यकुलम, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, राजकीय इंटर कॉलेज, संस्कृत के विद्यालय एवं निजी विद्यालयों ने प्रतिभाग किया।
आज की कनिष्ठ वर्ग की नाटक प्रतियोगिता में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोहेलपुर प्रथम, वरिष्ठ वर्ग नाटक प्रतियोगिता में श्री भगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय प्रथम, पतंजलि सन्यास आश्रम द्वितीय, वैदिक कन्या गुरुकुलम् तृतीय, समूहगान कनिष्ठ वर्ग में आचार्यकुलम् पतंजलि योगपीठ प्रथम, श्री भारती संस्कृत विद्यालय द्वितीय, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज तृतीय, समूहगान वरिष्ठ वर्ग में आचार्य कुलम् प्रथम, देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वितीय,पतंजलि सन्यास आश्रम तृतीय, संस्कृत समूह नृत्य कनिष्ठ वर्ग में आचार्य कुलम् पतंजलि योगपीठ प्रथम, डिवाइन लाइट जगजीतपुर द्वितीय, राष्ट्रीय इंटर कॉलेज रोहालकी तृतीय, संस्कृत समूह नृत्य वरिष्ठ वर्ग में पतंजलि विश्वविद्यालय प्रथम,आनंदमयी सेवा सदन द्वितीय, आचार्यकुलम् पतंजलि योगपीठ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर प्रोफेसर सोमदेव साथांशु ने संस्कृत प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई दी उन्होंने कहा कि उत्तराखंड संस्कृत अकादमी संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए अद्वितीय कार्य कर रही है उन्होंने प्रतिभागियों से आवाह्न किया कि जीवन में संस्कृत को उतारिए और अपना मार्ग प्रशस्त कीजिए उन्होंने प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करना महत्वपूर्ण है। प्रतियोगिता के जनपद संयोजक डॉ नवीन पंत ने बताया कि 6 विकास करो में आज और कल प्रतियोगिताएं संपन्न होगी उन्होंने कहा कि संपूर्ण प्रदेश में संस्कृत के प्रति लोगों का झुकाव लगाओ से स्पष्ट होता है कि देवभूमि में देव भाषा के प्रति लोगों का सम्मान बढ़ रहा है उन्होंने प्रतियोगिताओं के नियमों का पालन करने एवं अनुशासित में रहकर प्रतियोगिताओं में प्रतिभा करने का आह्वान किया।
विशिष्ट अतिथि डॉ प्रकाश चंद जोशी ने कहा कि गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की प्रतियोगिताओं को लेकर आम जनमानस में उत्साह है जो खुशी का विषय है उन्होंने प्रतियोगिता की सफलता के लिए उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सभी संयोजकों को बधाई दी उन्होंने बताया कि प्रदेश के 95 विकास खंडो व 13 जनपदों में एक साथ प्रतियोगिता का आयोजन करना चुनौती पूर्ण है परंतु संस्कृत अनुरागियों ने इस काम को सहज और सरल बना दिया है। मानव जीवन में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए लेकिन यह प्रतिस्पर्धा स्वस्थ एवं पारदर्शी हो तो बहुत अच्छा रहता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्रोफेसर भारत भूषण ने कहा कि संस्कृत भाषा आदिकाल से अब तक समाज व राष्ट्र का मार्गदर्शन करती आ रही है संस्कृत भाषा न केवल भाषा है बल्कि जीवन जीने की पद्धति भी इसी भाषा में निहित है उन्होंने कहा जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत सभी संस्कार संस्कृत भाषा में ही किया जाता है।
इस अवसर पर आयोजक मंडल द्वारा अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के शोध अधिकारी डॉ हरीश गुरुरानी, जनपद संयोजक डॉक्टर नवीन पंत,खंड शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि राजेश राय डॉ निरंजन मिश्र,डॉ दामोदर परगांई, डॉ प्रेरणा गर्ग,आचार्य केशव बलियानी, डॉ तारा दत्त अवस्थी, डॉ श्यामलाल गौड, सागर झा, रुद्र प्रताप सिंह, भूपेंद्र गहतोड़ी,गोपाल परगांई,नेत्र बल्लभ कोठारी, डॉ जीवन आर्य, डॉक्टर दीपक कोठारी सहित अन्य उपस्थित रहे।