त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी नारायण दास-स्वामी अयोध्याचार्य

दीपक मिश्रा

हरिद्वार, 11 अक्तूबर। श्रवणनाथ नगर स्थित श्री नरसिंह धाम के परमाध्यक्ष जगद्गुरू स्वामी अयोध्याचार्य महाराज के गुरू ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी नारायण दास महाराज की पुण्य तिथी पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। जगद्गुरू स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी नारायण दास महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। पूज्य गुरूदेव से प्राप्त ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार और भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। श्रीमहंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी नारायण दास महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा में योगदान करना चाहिए। बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि शिष्य के जीवन में गुरू का स्थान सर्वोच्च है। स्वामी अयोध्याचार्य महाराज भाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर नारायण दास महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। महंत राजेंद्रदास महाराज व साध्वी विजय लक्ष्मी ने सभी संत महंतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी नारायण दास महाराज ने समाज को अध्यात्म की शिक्षा देकर कल्याण की राह दिखायी। उनके दिखाए मार्ग पर चलते धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार व मानव सेवा का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। इस अवसर महंत प्रेमदास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत मोहन सिंह, महंत गंगादास उदासीन, महंत जसविंदर सिंह, महंत सूरज दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, महंत राघवेंद्र दास, महंत राजेंद्र दास, स्वामी अंकित शरण, महंत तीरथ सिंह, स्वामी ज्ञानानंद, महंत निर्भय सिंह, महंत प्रमोद दास, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी हरिनारायण सहित बड़ी संख्या में संत महंत व श्रद्धालुजन मौजूद रहे।

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