दीपक मिश्रा
हरिद्वार-20 नवम्बर आधुनिक समय की भाग-दौड मे फिटनेस तथा सही भोजन का चयन अच्छे स्वास्थ्य की संजीवनी है। फिटनेस तथा बेहतर भोजन का मिलना किसी चुनौती से कम नही है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के दयानंद स्टेडियम के ध्यान चन्द सभागार मे फिटनेस सप्ताह के अन्तर्गत परिसंवाद एवं मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने प्रशिक्षु अध्यापकों को सम्बोधित करते हुये कहॉ कि भारतीय संस्कृति सदैव बेहतर स्वास्थ की पोषक रही है। नये जमाने मे जीवन-शैली मे बदलाव के साथ स्वस्थ रहने के पैमाने भी बदल गये है। जिनका दुष्प्रभाव शरीर मे बढती बीमारियॉ तथा कमजोर होती रोग प्रतिरोधक क्षमता के रूप मे सामने आ रहा है। मोटे अनाज से मिलने वाले फाईबर तथा कार्बोहाइडेªट का स्थान प्रोटीन सपलिमेंट तथा अनेक प्रकार के रसायनिक तत्वों ने ले लिया है। जो हमारी शारीरिक प्रवृत्ति एवं बेहतर विकास के लिए हानिकारक है। डॉ0 चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत को फिट बनाने के लिए चलाये जा रहे फिट-इण्डिया मोमेन्ट की प्रशंसा करते हुये कहॉ कि मोटे अनाज (मिलेट) के फायदों से देश के युवाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने तथा वैश्विक स्तर पर मोटे अनाज को पहचान दिलाकर देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने मे सफलता प्राप्त हो सकती है। उन्होने युवाओं को आज के प्रोटीनजनय पदार्थो के स्थान पर मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, मक्का, धान, जौ को भोजन मे सम्मिलित करके बेहतर स्वास्थ को बनाने के लिए प्रेरित किया। स्वास्थ्य की जटिलताओं से जुडे प्रश्नों के समाधान देते हुये डॉ0 शिवकुमार चौहान ने खिलाडियों को प्राकृतिक साधनों से मिलने वाले प्रोटीन, फाईबर, कार्बोहाईडेªट तथा कैमिकल से तैयार चीनी के स्थान पर गुड, शक्कर, बुरा तथा मिसरी को शामिल करने पर जोर दिया। परिसंवाद कार्यक्रम मे शारीरिक शिक्षा के प्रशिक्षु अध्यापक एवं खिलाडी उपस्थित रहे।