अकादमी के सचिव शिवप्रसाद खाली द्वारा अतिथियों के स्वागत किया

दीपक मिश्रा

 

उत्तराखंड संस्कृत अकादमी परिसर में विभिन्न प्रांतो से आए ज्योतिष सम्मेलन का शुभारंभ स्वामी नित्यानंद वेद विद्यालय के वैदिक बटुकों के वैदिक मंगलाचरण के साथ दीप प्रज्वलित व सरस्वती पूजन करके किया गया कार्यक्रम के संयोजक पंडित रमेश सेमवाल तथा अकादमी के सचिव शिवप्रसाद खाली द्वारा अतिथियों के स्वागत किया गया अवधूत मंडल आश्रम के अध्यक्ष स्वामी रूपेंद्र प्रकाश द्वारा ज्योतिष के महत्व को बताया उन्होंने बताया कि ज्योतिष शास्त्र एक ऐसी विधा है जिसके बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है क्योंकि ज्योतिष का सीधा संबंध हमारे सौरमंडल से है गृह रशियन हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं यह सिद्धांत हमारे विज्ञान ने भी स्वीकार किया है कार्यक्रम के संयोजक रमेश सेमवाल ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त का विशेष महत्व है मानव अपने जन्म मृत्यु को छोड़कर प्रत्येक कार्य के संपादन में मुहूर्त का विचार करते हैं आधुनिक युवा वर्ग अपने मूल्य एवं सिद्धांतों का अनुसरण करें इसलिए इस प्रकार के सम्मेलनों का होना अत्यंत आवश्यक है कार्यक्रम में जयपुर से आए हुए अंक शास्त्री कुमार गणेश द्वारा अंक ज्योतिष के प्रमुख सिद्धांतों का प्रतिपादन करते हुए बताया गया कि ज्योतिष मन केवल जन्मतिथि अपितु जन्म मांस तथा जन्म वर्ष कभी विशेष महत्व है कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामानुज संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर ओम प्रकाश भट्ट ने ज्योतिष तथा वास्तु शास्त्र के महत्व को प्रकाशित करते हुए बताया कि हमारा शरीर पांच तत्वों के द्वारा निर्मित है तथा चराचर जगत भी पांच तत्वों से ही निर्मित है प्रख्यात ज्योतिषी आचार्य अनिल वश ने ज्योतिष शास्त्र में मर्दों के निर्धारण में पंचांगों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समस्त पंचांग को एक साथ तिथि आदि का निर्धारण करना चाहिए उत्तराखंड के पंचांग वाणी भूषण पंचांग के संपादक पंडित त्रिलोचन व्यास ने समस्त विद्वानों ज्योतिषियों से ज्योतिष के गुण रहस्यों को सर्वसम्मत के सम्मुख प्रस्तुत करने का आग्रह किया लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के शहर आचार्य डॉ रतनलाल ने वास्तु के महत्व को बताते हुए कहा कि भवन निर्माण में वस्तु का हमारे जीवन पर अनुकूल एवं प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है अकादमी के कोषाध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद डबराल ने समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम का संचालन शोध अधिकारी डॉक्टर हरिश्चंद्र गुरु रानी ने किया इस अवसर पर संस्कृत विश्वविद्यालय के कुल सचिव गिरीश कुमार अवस्थी संस्कृत भारती के सदस्य देशराज शर्मा कमल किशोर महाराज भागीरथ शर्मा अकादमी के प्रशासन अधिकारी किशन लाल प्रशासनिक अधिकारी लीला रावत पुस्तकालय सहायक रोशन डॉ रतनलाल डॉक्टर राजकुमार द्विवेदी डॉक्टर राधेश्याम तारा दत्त दिव्या आकांक्षा मोहित अश्विनी कविता ओम प्रकाश भट्ट संतोष विवेक भैया देवी त्रिपाठी प्रीतम पंकज आदि उपस्थित रहे

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