दीपक मिश्रा
1. उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी द्वारा राज्य की द्वितीय राजभाषा के संरक्षण हेतु प्रतिभा सम्मान का आयोजन ।
2. उच्च शिक्षा में शास्त्री, आचार्य, बी.ए., एम. ए. एवं माध्यमिक शिक्षा में पूर्वमध्यमा, उत्तरमध्यमा, हाईस्कूल, इण्टर कक्षाओं में संस्कृत विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किये गये ।
3. प्रथम पुरस्कार 5000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 4000 रुपये, पुरस्कार 3000 रुपये प्रदान किये गये।
4. शास्त्री, आचार्य, उत्तरमध्यमा, पूर्वमध्यमा एवं स्नात्तकोत्तर, स्नातक, इण्टर, हाईस्कूल स्तर के कुल 38 छात्र – छात्राओं को 1,53,000 रुपये के नगद पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।
हरिद्वार – उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी द्वारा द्वितीय राजभाषा संस्कृत के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार–प्रसार हेतु शुक्रवार को अकादमी परिसर में संस्कृत छात्र प्रतिभासम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित व सरस्वती वन्दन के साथ किया गया। अकादमी के सचिव व वित्त अधिकारी द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। प्रास्ताविक उद्बोधन करते हुए अकादमी के सचिव शिवप्रसाद खाली ने कहा कि संस्कृत अकादमी द्वितीय राजभाषा संस्कृत के संरक्षण हेतु वर्षभर अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कराते हैं संस्कृत छात्र प्रतियोगिताओं के माध्यम से खण्ड, जनपद व राज्य स्तर पर छः प्रकार की प्रतियोगिताओं में राज्य के पचास हजार से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। युवा कविसम्मेलन, ज्योतिषसम्मेलन, संस्कृतमास महोत्सव, गीताजयन्ती महोत्सव आदि कार्यक्रमों के माध्यम में देश के विभिन्न प्रान्तों से संस्कृत प्रेमियों, छात्र-छात्राओं को संस्कृत भाषा के वैज्ञानिक, आध्यात्मिक व धार्मिक महत्त्व को समझाने का निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। संस्कृत भाषा से सम्बन्धित ग्रन्थों, काव्यों एवं पौराणिक पाण्डुलिपियों में शोधार्थियों में रूचि प्रदान करने के उद्देश्य से शीघ्र ही शोधछात्रवृत्ति कार्यक्रम के माध्यम से शोधार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी।
कार्यक्रम अध्यक्ष संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीशकुमार अवस्थी ने संस्कृत भाषा में निहित तथ्यों को शोध के माध्यम, संस्कृत विद्वानों के सहयोग से सरल सहज रुप में आम जनमानस के सम्मुख प्रस्तुत करने की दिशा में भी कार्य किया जा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योजना आयोग, उत्तराखण्ड शासन के तकनीकि विशेषज्ञ गंगाप्रसाद पन्त ने कहा कि परिवार को मानव का प्रथम शिक्षा का केन्द्र बताते हुये प्रत्येक अभिभावक से पाल्यों की आधुनिक शिक्षा के साथ सुसंस्कृत वातावरण प्रदान करने का आग्रह किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ के पूर्व जिला संघसंचालक रोहिताश्व कुंवर ने जीवन को वैज्ञानिक ढंग से जीने की कला व पूर्व महर्षियों के आहार, व्यवहार एवं आचार को जीनवसात करने पर प्रकाश डाला।
अकादमी के वित्त अधिकारी सत्येन्द्र प्रसाद डबराल ने कार्यक्रम के अतिथि, अभिभावक व आगन्तुकों के धन्यवाद ज्ञापन करते हुये कहा कि छात्रों के सर्वागीण विकास में अभिभावक व शिक्षकों की महनीय भूमिका है। शिक्षक, अभिभावक के मध्य परस्पर संवाद से छात्रों के बौद्धिक स्तर, कार्यक्षमता और भविष्य की एक सुदृढ़ नीव का निर्माण सम्भव है।
उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद्, हरिद्वार से पूर्वमध्यमा कक्षा में सुबोध व्यास, अभिषेक ममगांई व जय पपनै एवं उत्तरमध्यमा कक्षा में लोकेशचन्द्र सुधेश बडोनी, अजय कैंथोला ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद्, नैनीताल से हाईस्कूल कक्षा में तनुज जोशी, शौर्य, रोहित पाण्डेय एवं स्नेहा पंवार, हिमानी, पूजा नौटियाल ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। गुरुकुलकांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से बी.ए कक्षा में गगनदीप, अभिषेक, आजाद एवं एम.ए. कक्षा में सुप्रभा, दिनेशचन्द्र, प्रीति ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री कक्षा में सन्नी, देवव्रत, हिमांशु एवं आचार्य कक्षा मे अनीता भोई, भरत कुमार, प्रतिज्ञा चौहान ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया । राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, श्रीरघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग से स्नातक, शास्त्री कक्षा में मोहित, मंदीप, श्रुति शर्मा एवं स्नातकोत्तर आचार्य कक्षा में मनीष नौटियाल, शुभम भट्ट, अनिल भट्ट ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया । देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार से बी.ए कक्षा में रामदेवी धाकड, हर्ष शर्मा, टिंकू कुमार ने एवं एम.ए. कक्षा में तनुश्री पाठक, प्रणिता तोमर ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से एम.ए. कक्षा में सतेश्वरी, देवेन्द्र कुमार, निशांत कुमार ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया ।
कार्यक्रम का संचालन अकादमी शोध अधिकारी, डॉ० हरीशचन्द्र गुरुरानी ने किया। इस अवसर पर अकादमी की पुस्तकालय सहायक, कार्यक्रम की संयोजिका रमा कठैत, प्रकाशन अधिकारी किशारी लाल रतूडी, प्रशासनिक अधिकारी लीला रावत, डॉ० वाजश्रवा आर्य, डॉ० नवीन पन्त, डॉ० जनार्दन कैरवान, भैरव पन्तोला, दिव्या, आकांक्षा, मोहित, अश्विनी, कविता, ओमप्रकाश भट्ट, सन्तोष, विवेक पंचभैंया, वेवी त्रिपाठी, प्रीतम, पंकज, सुन्दर आदि उपस्थित रहे।
(शिव प्रसाद खाली) सचिव