दीपक मिश्रा
हरिद्वार-18 फरवरी समाज की चुनौतियों को कम करने के लिए डिजिटल क्रान्ति बेहतर उपाय है। डिजिटल माध्यमों के उपयोग ने व्यक्ति के जीवन स्तर मे रोचक बदलाव करके उन्हे ज्यादा सुविद्या सम्पन्न एवं विकासित सोच वाले युग मे ला खडा किया है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने सहारनपुर मे आयोजित डिजिटल युग-आम व्यक्ति के लिए समस्या अथवा समाधान विषय पर कार्यशाला मे मुख्य वक्ता के रूप मे बोल रहे थे। अभ्युदय संस्था, सहारनपुर द्वारा डिजिटल क्रान्ति विषय पर आयोजित कार्यशाला मे डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने कहाॅ कि परिवर्तन संसार का नियम है। ऐसे मे डिजिटल क्रान्ति के उपयोग ने विकास की रफ्तार धीमे अथवा तेज की है। जिसका परोक्ष लाभ आमजन के जीवन स्तर को बेहतर बनाने मे एक मिल का पत्थर साबित हुआ है। डिजिटल क्रान्ति के रूप मे तीन बडे नवाचार कम्पयूटर, माइक्राचिप तथा इन्टरनेट प्रमुख संसाधन है। आम व्यक्ति को मोबाईल की कुशलता तथा उपयोग के साथ जोडकर कम्पयूटर को विकल्प के रूप मे परिवर्तित करना भी इसी क्रान्ति के माध्यम से ही हो सका। बच्चे, युवा, महिलाएं, पुरूष सभी आज मोबाईल के उपयोग से बेहतर ढंग से परिचित है। जिसके कारण भारत दुनिया का सबसे बडा और तेजी से बढने वाले बाजारों मे से एक है। डिजिटल क्रांति ने बडे पैमाने पर समाज को सुविद्या एवं लाभ दिया है, वही इसके तेजी से बढते उपयोग मे चिन्ताओं का उचित हिस्सा भी सम्मिलित है। कार्यशाला मे कम्पयूटर तथा टैक्नोलाॅजी क्षेत्र के विद्वानों सहित सामाजिक चिन्तक, मनोवैज्ञानिक, शिक्षाविद्व एवं शोध छात्र आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उदघाटन मेरठ विश्वविद्यालय की शिक्षा संकाय की पूर्व डीन प्रो0 संतोष सिंह ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ0 राकेश चैहान तथा संयोजन डाॅ0 विरेन्द्र सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 दीपा सिंह एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 रश्मि शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अन्त मे विद्वानों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।