दीपक मिश्रा
हरिद्वार-17 फरवरी 2025 हिन्दु सनातन संस्कृति मे सुख-दुखः को जीवन मे सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। वैदिक तथा धर्मशास्त्र से जुडे विद्वान सुख-दुखः का मूल कारण कर्माे की खेती मानते है। कर्माे पर आधारित सुख-दुखः व्यक्ति के स्वयं के व्यवहार द्वारा संचालित रहते है, जिनके प्रभाव को समझने के लिए व्यवहार (मनोविज्ञान) की बारिकियों को जानना जरूरी होता है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय मे योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने दयानंद स्टेडियम प्रांगण मे दिनांक 17.02.2025 को प्रातः 11ः00 बजे भारत मे मनोविज्ञान की वर्तमान स्थिति तथा अनुसंधान की आवश्यकता पर परिसंवाद मे बोलते हुए कहॉ कि कलयुग मे कर्म को यथोक्त एवं अधिक प्रासंगिक माना गया है। कर्माे की बेहतरी मे मानव कल्याण का भाव निहित है। दुखीः नर को नारायण मानकर तथा सेवा परमो धर्म को अध्यात्म की दृष्टि से श्रेष्ठ कर्म बताया गया है। जिसके बल पर दुखः को कम करके सुखमय मार्ग पर चलने का हौसला मिलता है।
युवा पीढी को सुख-दुखः के प्रभाव एवं कारणों तथा उत्पन्न स्थिति से विचलित होने से बचाव के लिए मार्गदर्शित किया जाना नितान्त आवश्यक है। तकनीकि संसाधन एवं भौतिकवादी युग की परिकल्पना से विचलित युवा पथभ्रमित होकर दुखः के प्रभाव से नशा, धरेलू हिंसा, अमर्यादित व्यवहार एवं सभ्यता विहिन होता जा रहा है। आधुनिक परिवेश मे इसका ग्राफ बढता जा रहा है। जो एक चिन्तनीय विषय है। डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि शिक्षा-क्षेत्र मे मनोविज्ञान श्रेष्ठ कर्माे की कार्यशाला है। मन मे वातावरण एवं सामाजिक परिवेश के प्रभाव से उत्पन्न सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनो भाव मे अधिक प्रबल भाव व्यवहार के रूप मे कर्माे की पटकथा रचता है। जो सुख अथवा दुखः की परिणीति तय करता है। यह चक्र निरन्तर चलता रहता है। डॉ0 चौहान ने कहॉ कि इसके प्रभाव से बचने के लिए संस्कार तथा बुद्वि के उपयोग, अध्यात्मिक चिन्तन तथा सदकर्माे के संचय से सुख-दुखः मे बेहतर सांमजस्य स्थापित किया जा सकता है। परिसंवाद मे प्रशिक्षुओं ने स्वयं के व्यवहार के प्रति जिज्ञासा व्यक्त करते हुये आचरण की शुद्वि तथा सद्कर्माे को ग्रहण करने से जुडे प्रश्नों पर भी मार्गदर्शन प्राप्त किया। प्रशिक्षुओं ने अपने फिडबैक मे इस संवाद को रोमाचंक एवं ज्ञानवर्धक बताया। परिसंवाद मे देवांश, गौरव, भूपेन्द्र सिंह, निलेश जोशी, राकेश कुमार, विशु राणा, विपिन सैनी,पवन कुमार, प्रणव, विशाल निगम, दीपक जैमिनी, हितिक चन्द्रा, अजय रावत, आदित्य कुमार, प्रशान्त बेनिवाल, आर्यन गंगहट, सूरज सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।