दीपक मिश्रा
हरिद्वार- 27 जून जीवन और करियर दोनों के लिए अच्छे स्वभाव का होना निहायत जरूरी है। व्यक्ति का स्वभाव ही व्यवहार मे समाहित होकर चरित्र का निर्माण करता है। जिसके बल पर व्यक्ति समाज मे मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा का हासिल करता है। महापुरूषो ने भी मूल्यों की शिक्षा मे चरित्र निर्माण होने पर बाकी गुण व्यवहार मे स्वतः ही आ जाते है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के डॉ0 शिवकुमार चौहान ने संस्कार निर्माण मे नैतिक मूल्यों की सहभागिता विषय पर आयोजित कार्यशाला मे मुख्य वक्ता के रूप मे बोलते हुये कहॉ कि किसी व्यक्ति का सुंदर चेहरा थोडे समय तक याद रहता है परन्तु सुन्दर व्यवहार के कारण व्यक्ति जीवनभर स्मृतियों मे बना रहता है। आज के दौर मे स्वभाव का महत्व आसानी से समझा जा सकता है। जो जीवन का गुरू मंत्र भी है। शरीर की सुन्दरता के स्थान पर व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान देने से जीवन मे आनन्द एवं दूसरों के लिए प्रेरणादायक बन जायेगा। एक आम व्यक्ति के लिए यह आचरण-संहिता का मूल बन सकता है। कार्यशाला का आयोजन सामाजिक जागृति के लिए संकल्पित अभ्युदय संस्था द्वारा सांय 3ः00 बजे से सहारनपुर के एक होटल मे किया गया। कार्यशाला का उददेश्य प्रस्तुत करते हुये संस्था के सचिव डॉ0 रमेश कुमार ने समाज मे हो रहे नैतिक पतन का मूल संस्कारों के संरक्षण से ही सम्भव है। कार्यशाला मे आध्यात्मिक गुरू महन्त अजन्तानंद, योगी संदीप, शिक्षाविद्व डॉ0 दीपेन्द्र सिंह, डॉ0 स्वाति सिंह, डॉ0 सुरेन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 दीपा सिंह द्वारा किया गया।