श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में दीक्षारम्भ- कार्यक्रम का समापन

दीपक मिश्रा 

 

श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में; विगत पन्द्रह दिनों से चल रहे दीक्षारम्भ- कार्यक्रम का समापन हो गया।
कार्यक्रम के संयोजक व्याकरण विभाग के प्राध्यापक डाॅ.दीपक कुमार कोठारी ने बताया कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार; श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में,
दिनाङ्क-01/07/24 से दिनाङ्क 15/07/24 तक दीक्षारम्भ कार्यक्रम चल रहा था। जिसका आज समापन हो गया।नव प्रविष्ट छात्रों को स्वविषय से इतर विषयों का भी सामान्य ज्ञान प्रदान करने हेतु, उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें विगत पन्द्रह दिनों में व्याकरण,साहित्य,वेदान्त,दर्शन,हिन्दी,कम्प्यूटर,पर्यावरण,अंग्रेजी आदि विषयक व्याख्यानों का आयोजन किया गया।इससे न केवल छात्रों के सामान्य ज्ञान में ही अभिवृद्धि हुई अपितु वह प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु भी मानसिक रूप से तैयार हुए। साथ ही प्रतिदिन संस्कृत संभाषण का भी अभ्यास कराया गया।
आज कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ.व्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव ने कहा कि छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली द्वारा सङ्कल्पित यह दीक्षारम्भ कार्यक्रम, अत्यन्त श्लाघनीय है। इस वर्ष से ही इस कार्यक्रम का प्रारम्भ विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया है।
आज कार्यक्रम के प्रारम्भ में साहित्य विभाग के प्राध्यापक श्री ज्ञानसिन्धु के दर्शन शास्त्र विषयक व्याख्यान का भी आयोजन किया गया।
छात्रों को दर्शन शास्त्र विषयक व्याख्यान प्रदान करते हुए,श्री ज्ञान सिन्धु ने कहा कि इस संसार में कोई भी ऐसा प्राणी नहीं है जो सुख की इच्छा न करता हो। इसी सुख की प्राप्ति का मार्ग ही, आस्तिक एवं नास्तिक दर्शनों के द्वारा बताया जाता है। किन्तु इनमें भी जो नास्तिक दर्शन हैं, वे सांसारिक पदार्थों से प्राप्त होने वाले सुखों को ही परमसुख मानते हैं। इसके विपरीत आस्तिक दर्शन आत्मज्ञान से वास्तविक सुख की प्राप्ति होती है, इस बात का प्रतिपादन करते हैं। अतः हम सभी को आस्तिक दर्शनों का ही आश्रयण करना चाहिए,नास्तिकों का नहीं।
उन्होंने यह भी बताया कि आस्तिक दर्शनों में प्रधानीभूत दर्शन, वेदान्त दर्शन है,जिसमें ब्रह्मज्ञान से ही मोक्ष की प्राप्ति बतलायी गयी है।
इस अवसर पर साहित्य विभागाध्यक्ष डाॅ.निरञ्जन मिश्र, के द्वारा भी छात्रों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया गया। साथ ही सभा में व्याकरण विभागाध्यक्ष डाॅ.रवीन्द्र आर्य,आधुनिक विषय विभाग की सहायकाचार्य डाॅ.मञ्जू पटेल,अंग्रेजी विषय की सहायकाचार्य डाॅ.आशिमा श्रवण, वेदान्त विभाग के प्राध्यापक डाॅ.आलोक सेमवाल, योग विषय के प्राध्यापक श्री मनोज गिरि एवं श्री अतुल मैखुरी,कम्प्यूटर विषय के प्राध्यापक श्री विवेक शुक्ला,संस्कृत शिक्षक डाॅ.प्रमेश बिजल्वाण,साहित्य विभाग के प्राध्यापक डाॅ.अंकुर आर्य ,व्याकरण विभाग के प्राध्यापक श्री शिवदेव आर्य आदि सहित नव प्रविष्ट छात्र समुपस्थित रहे।

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